चीन में कोरोना के नए वेरिएंट ने किस तरह तांडव मचाया हुआ है, इसकी गवाही सोशल मीडिया पर आ रहे वीडियो दे रहे हैं। कोरोना की ऐसी भयानक स्थिति के बावजूद भी ड्रैगन है कि दुनिया से सच छुपाने में लगा हुआ है। यही कारण है कि अब WHO की चिंता बढ़नी शुरू हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने बुधवार को कहा कि पूरे चीन में कोरोना वायरस के विस्फोटक प्रसार और सरकार के आंकड़ों की कमी के बीच एजेंसी ‘चीन में लोगों के जीवन के लिए मौजूदा खतरे को लेकर चिंतित’ है।
कोरोना की जानकारी साझा करने को लेकर हुई मीटिंग
WHO के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि एजेंसी ने हाल में चीनी अधिकारियों के साथ मुलाकात की ताकि अस्पताल में भर्ती होने की दर और जीनोम सिक्वेंसिंग सहित कोविड-19 के मामलों के बारे में अधिक जानकारी साझा करने के महत्व पर जोर दिया जा सके। उन्होंने कहा कि हालांकि, 2019 के अंत में महामारी के शुरू होने के बाद से वैश्विक स्तर पर इसमें गिरावट जारी है। टेड्रोस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आंकड़ा वैश्विक स्थिति के नियमित, तीव्र और ठोस जोखिम आकलन के लिए डब्ल्यूएचओ के लिए जरूरी है।’’ टेड्रोस ने कहा कि वह समझते हैं कि क्यों कई देशों ने हाल में चीन से आने वाले यात्रियों के खिलाफ कदम उठाए हैं।
लगभग आधी आबादी कोरोना से संक्रमित
बता दें कि चीन में कोरोना का इस कदर विस्फोट हुआ है कि देश की 1.4 अरब वाली आबादी में से लगभग 40 फीसदी लोग कोविड से संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। जिस हिसाब से पिछले एक महीने में चीन की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा कोविड की मार झेल चुका है, आंकलन लगाया जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में करीब 1.1 अरब लोग कोविड के इस नए वेरिएंट (BF.7) का शिकार होने वाले हैं। लेकिन बावजूद इसके भी चीन दुनिया को कोराना के केस और इससे होने वाली मौतों को लेकर झूठ बोलने पर तुला हुआ है। वहीं मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन में हालात काफी भयानक हैं। चीन ने सात दिसंबर को जैसे ही जीरो कोविड नीति में ढील दी, इसके बाद से ही वहां कोरोना का विस्फोट हो गया। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो चीन में कोविड से रोज 9000 मौतें हो रही हैं। जबकि आधिकारिक आंकड़ों में मौतों की संख्या बेहद कम है।