भारत-पाकिस्तान के बीच 1999 में हुए कारगिल युद्ध की पूरा प्लान सामने आ गया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कारगिल प्लान का पूरा खुलासा कर दिया है। नवाज शरीफ का कहना है कि वह कारगिल हमले के पक्ष में नहीं थे। वह नहीं चाहते थे कि पाकिस्तानी फौज भारत पर हमला करे। मगर कारगिल योजना का विरोध करने के कारण उन्हें 1999 में अपदस्थ कर दिया गया था। पाकिस्तान के पूर्व प्रधान ने शनिवार को कहा कि कारगिल दुस्साहस का विरोध करने के लिए (दिवंगत) जनरल परवेज मुशर्रफ ने उन्हें 1999 में सरकार से बाहर कर दिया था।
नवाज ने कहा कि उन्होंने भारत और अन्य पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखने के महत्व को रेखांकित किया था। मगर परवेज मुशर्रफ हर हाल में कारगिल पर हमला करने पर आमादा थे। नवाज ने कहा कि उनके इस प्लान का मैंने विरोध कर दिया था। तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे शरीफ ने कहा, जब मैंने कारगिल योजना का विरोध करते हुए कहा था कि ऐसा नहीं होना चाहिए... तो मुझे (जनरल परवेज मुशर्रफ ने) बाहर कर दिया था। बाद में मैंने जो कहा वह सही साबित हुआ।" यहां उन्होंने आगामी चुनावों के लिए अपनी पार्टी के टिकट के दावेदारों से बात की।
नवाज ने कहा-मैं भारत से अच्छे संबंध चाहता था
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सर्वोच्च नेता ने कहा कि तीनों मौकों पर प्रधानमंत्री होने के नाते वह भाषण दे रहे थे, लेकिन नहीं पता कि क्यों उनको पैकिंग के लिए भेज दिया गया। नवाज ने पूछा, ''मैं जानना चाहता हूं कि मुझे हर बार क्यों बाहर कर दिया गया।''शरीफ ने दो भारतीय प्रधानमंत्रियों की पाकिस्तान यात्रा के बारे में भी बात की, जब वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। पूर्व प्रधान मंत्री ने भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंधों पर जोर देते हुए कहा, "हमने हर मोर्चे पर काम किया है।
पीएम मोदी और बाजपेई का किया जिक्र
नवाज ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान दो भारतीय प्रधानमंत्रियों ने पाकिस्तान का दौरा किया। पीएम मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी साहब लाहौर आए थे।"शरीफ ने कहा, "हमें भारत, अफगानिस्तान और ईरान के साथ अपने रिश्ते सुधारने होंगे। हमें चीन के साथ और मजबूत रिश्ते बनाने की जरूरत है।" उन्होंने अफसोस जताया कि पाकिस्तान आर्थिक वृद्धि के मामले में अपने पड़ोसियों से पिछड़ गया है।
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