लाहौर: भारत के भगोड़े जाकिर नाइक के जहरीले बोल के खिलाफ ईसाई नेताओं ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से शिकायत करके कार्रवाई की मांग की है। पाकिस्तान के ईसाई नेताओं ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पत्र लिखकर कहा है कि ईसाई धर्म पर अनुचित टिप्पणी करने को लेकर इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान सरकार के निमंत्रण पर एक महीने की यात्रा पर जाकिर नाइक पाकिस्तान पहुंचा था। इस दौरान नाइक ने कराची, इस्लामाबाद और लाहौर जैसे शहरों में ‘‘विवादास्पद’’ व्याख्यान दिए थे।
यह बताना जरूरी है कि पिछले तीन दशकों में यह उसकी पहली पाकिस्तान यात्रा है। इससे पहले वह 1992 में जाकिर पाकिस्तान आया था। धनशोधन और नफरत भरे भाषणों के जरिए चरमपंथ भड़काने के आरोप के चलते नाइक ने 2016 में भारत छोड़ दिया था। उसे मलेशिया में महाथिर मोहम्मद के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वहां स्थायी निवास की अनुमति दी गई थी। साइनोड-चर्च ऑफ पाकिस्तान के प्रमुख बिशप डॉ.आजाद मार्शल और अन्य ईसाई नेताओं ने शरीफ तथा जरदारी को पत्र लिखकर कहा कि राजकीय अतिथि के रूप में आए नाइक का ईसाइयों और उनके धर्म के बारे में प्रतिकूल टिप्पणियां करना निंदनीय है।
जाकिर के जहरीले बोल
ईसाई नेताओं ने जाकिर नाइक पर जहरीली भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उसके खिलाफ कार्रवाई करने और भविष्य में इस तरह की चीजों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया। पत्र में कहा गया, ‘‘डॉ.जाकिर नाइक के सार्वजनिक संबोधनों ने ईसाई समुदाय में रोष पैदा कर दिया है क्योंकि उसने खुलेआम हमारे धर्म की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए, हमारे पवित्र ग्रंथों पर अनुचित टिप्पणी की और गलत बयानबाजी की।’’(भाषा)
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