Wednesday, November 13, 2024
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China Suicide Drone: अमेरिका के F-35 विमान को तबाह कर सकता है चीन का 'सुसाइड ड्रोन', जानिए इस 'रहस्यमयी हथियार' की ताकत

Chinese Suicide Drone: चीन के इस ड्रोन को सुसाइड ड्रोन भी कहा जाता है। यह काले रंग का है और हाइपरसोनिक गति से उड़ान भरता है। ड्रोन को बनाते समय वैज्ञानिकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती इसकी गति थी, लेकिन कई टेस्ट के बाद वह आखिरकर इस मुश्किल से बाहर आ गए थे।

Written By: Shilpa
Updated on: September 01, 2022 18:13 IST
Chinese Suicide Drone-Secret Weapon- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Chinese Suicide Drone-Secret Weapon

Highlights

  • चीन का रहस्यमयी हथियार है सुसाइड ड्रोन
  • अमेरिकी विमानों के खिलाफ हो सकता है इस्तेमाल
  • चीन ने Wuzhan-8 रखा है इस ड्रोन का नाम

Chinese Suicide Drone: चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर है। इसके पीछे की वजह है कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा, जो बीते महीने हुई थी। अब मंगलवार को खबर आई थी कि ताइवान की सेना ने पहली बार चीन के एक ड्रोन पर गोलियां चलाई हैं क्योंकि वह उनके नियंत्रण वाले किनमेन द्वीप पर आ गया था। उसपर इसलिए गोलियां चलाई गईं, ताकि वह वापस अपने क्षेत्र में चला जाए। ऐसा कहा जा रहा है कि चीन ने ताइवान के द्वीप पर अपना हाइपरसोनिक ड्रोन भेजा था। चीन के इस ड्रोन का नाम Wuzhan-8 है और इसे उसका रहस्यमयी हथियार भी कहा जाता है। चीन ने साल 2019 में इस ड्रोन को टेस्ट किया था। वहीं दुनिया को इसकी पहली झलक झुहाई एयर शो में देखने को मिली थी।

चीन के इस ड्रोन को सुसाइड ड्रोन भी कहा जाता है। यह काले रंग का है और हाइपरसोनिक गति से उड़ान भरता है। ड्रोन को बनाते समय वैज्ञानिकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती इसकी गति थी, लेकिन कई टेस्ट के बाद वह आखिरकर इस मुश्किल से बाहर आ गए थे। सितंबर, 2021 में चीनी वायुसेना के टॉप रिसर्चर फी दाई ने टैक्टिकल मिसाइल टैक्नोलॉजी जनरल में एक पेपर लिखा था। इसमें उन्होंने दावा किया कि एक स्टैंडर्ड रनवे पर इस ड्रोन की गति ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक है। अगर उनका दावा सच निकलता है तो अगर इस ड्रोन के इंजन को रनवे से 250 किलोमीटर पहले भी रोक दिया जाए, तो भी यह आसानी से लैंड कर लेगा।

अमेरिकी लड़ाकू विमानों के खिलाफ हो सकता है इस्तेमाल

एक अन्य चीनी शोधकर्ता ने दावा किया कि हाइपरसोनिक ड्रोन का इस्तेमाल एफ-22 और एफ-35 जैसे अमेरिकी लड़ाकू विमानों के खिलाफ किया जा सकता है। ड्रोन की रफ्तार माच 5 यानी 6174 किलोमीटर प्रति घंटे की है। इस ड्रोन को विकसित करने का मकसद चीन को मल्टीपल रेंज टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। इस ड्रोन के बाद चीनी सेना के पास वो खास हथियार आ गया है, जो किसी के पास नहीं है। यह ड्रोन खराब हालात में भी उड़ान भर सकता है और दुश्मन की खुफिया एजेंसी के अलावा खास ठिकानों की जानकारी हासिल कर सकता है। चीनी शोधकर्ता कई सालों से वायुसेना के लिए एक हाइपरसोनिक ड्रोन कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं। न्यूजवीक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2035 तक चीन के पास वह हाइपरसोनिक जेट होगा, जो सिर्फ एक घंटे में 10 यात्रियों को कहीं भी ले जा सकेगा।

ताइवान ने लगाया 23 बार ड्रोन से घुसपैठ करने का आरोप

अगस्त महीने में ताइवान के किनमैन डिफेंस कमांड ने कहा था कि चीनी ड्रोन ने उनके इलाके में 23 बार घुसपैठ की है। कमांड के अनुसार, ये ड्रोन किनमैन काउंटी पर उड़ान भर रहा था। विशेषज्ञों ने कई बार चीनी ड्रोन कार्यक्रम को लेकर चिंता जताई है। जियोसैट एयरोस्पेस एंड टैक्नोलॉजी के सीईओ और ताइवान के रहने वाले लो चेंग-फांग ने कहा कि ताइवान की सेना को चीनी ड्रोन को मार गिराने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। ताइवान और चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए ऐसा कहा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ताइवान को सुरक्षित करने के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। बाइडेन प्रशासन ताइवान को 1.1 बिलियन डॉलर की 60 AGM-84L हारपून ब्लॉक II मिसाइल और हवा से हवा में मार करने वाली 100 AIM-9X II मिसाइल स्पलाई करने की कोशिश कर रहा है।

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