Highlights
- धरती पर क्रैश हुआ चीन का रॉकेट
- हिंद महासागर में गिरा रॉकेट का मलबा
- चीन ने किसी को नहीं दी थी जानकारी
Chinese Rocket: अमेरिका के स्पेस कमांड के अधिकारियों का कहना है कि 21 टन का चीनी रॉकेट Long March 5B शनिवार को हिंद महासागर में क्रैश हो गया है। अमेरिकी स्पेस कमांड ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, 'हम चीनी रॉकेट के संभावित मलबे के फैलाव और उसके क्रैश वाले स्थान पर पड़े प्रभाव जैसे तकनीकी पहलुओं पर अधिक जानकारी चाहते हैं।' अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रबंधक बिल नेल्सन ने जानकारी साझा नहीं करने को लेकर चीन की आलोचना की है। नेल्सन ने कहा है कि अगर चीन की तरफ से रॉकेट को लेकर जानकारी दी जाती, तो उसके संभावित मलबे के जोखिम भरे प्रभाव का पता चलता। विशेष रूप से लॉन्ग मार्च 5 बी जैसे भारी-भरकम वाहन को लेकर, जो जीवन और संपत्ति के नुकसान के चलते एक बड़ा खतरा है।
चीन इस समय अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर तेजी से काम कर रहा है। इसके जरिए वह अंतरिक्ष पर अपना खुद का तियांगोंग स्टेशन बना रहा है। क्रैश हुआ Long March 5B रॉकेट बीते हफ्ते चीनी अंतरिक्ष स्टेशन को लैबोरेटरी मॉड्यूल की डिलीवरी करने गया था। मलेशिया के सोशल मीडिया यूजर्स ने वीडियो साझा करते हुए बताया है कि चीनी रॉकेट का मलबा अंतरिक्ष से धरती पर आते हुए कैसा दिख रहा था। इससे पहले साल 2020 में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली थी। तब भी चीन के Long March 5B रॉकेट का मलबा अंतरिक्ष से धरती पर आकर गिरा था।
किस वजह से क्रैश हुआ रॉकेट?
विशेषज्ञों के मुताबिक, उड़ान पथ में कई कठिनाइयां आई थीं, क्योंकि सूर्य की गतिविधियों में परिवर्तन के कारण वातावरण में कई उतार-चढ़ाव देखे गए। विशेषज्ञों के मुताबिक, चीनी रॉकेटों के साथ सबसे बड़ी समस्या उनके लॉन्च होने की प्रक्रिया और उनका डिजाइन है। हालांकि चीन ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में गैर जिम्मेदाराना रवैये वाले आरोपों को खारिज कर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि रॉकेट के कारण किसी तरह के नुकसान की संभावना बहुत कम हैं।
चीन के रॉकेट का मलबा इससे पहले आइवरी कोस्ट में जाकर गिरा था। इससे इमारतों को नुकसान पहुंचा था, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ था। बीते साल चीन का एक और रॉकेट हिंद महासागर में क्रैश हो गया था। बीते हफ्ते चीन ने अपने नए ठोस प्रणोदक रॉकेट के जरिए छह नई सैटेलाइट को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था। आधिकारिक मीडिया के अनुसार, नए रॉकेट जेडके 1 ए ने उत्तर-पश्चिमी चीन के जिउक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से अपनी पहली उड़ान भरी, जो देश का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली ठोस-प्रणोदक रॉकेट बताया जाता है।
इसके जरिए प्रक्षेपित किए गए सैटेलाइटों में एक नया अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी परीक्षण उपग्रह और वायुमंडलीय घनत्व की जांच से संबंधित एक परीक्षण उपग्रह भी शामिल है। सरकार संचालित चाइना डेली ने बताया कि 30 मीटर लंबे और 2.65 मीटर चौड़े रॉकेट ने छह उपग्रहों को पूर्व निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शासन ने अमेरिका और रूस के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक प्रमुख "अंतरिक्ष सपने" के रूप में बढ़ावा दिया है। चीन ने इससे पहले मंगल पर एक रोवर उतारा था और चंद्रमा पर जांच के लिए अंतरिक्षयान भेजा था। चीन की योजना 2030 तक चंद्रमा पर एक बेस बनाने और वहां इंसानों को भेजने की है।