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छात्रों को कॉलेज में पढ़ाएगा जाएगा 'लव एजुकेशन', इस देश में छात्र सीखेंगे एक-दूसरे से प्यार करना

चाइना पॉपुलेशन न्यूज़ के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 57% कॉलेज छात्र पढ़ाई और रोमांस के बीच संतुलन बनाने में कठिनाइयों का हवाला देते हुए रिश्तों को आगे बढ़ाने में रुचि नहीं रखते थे।

Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Dec 05, 2024 8:35 IST, Updated : Dec 05, 2024 13:33 IST
सांकेतिक तस्वीर
Image Source : FREEPIK सांकेतिक तस्वीर

बीजिंगः भारत के पड़ोसी देश चीन में घटती आबादी चिंता का विषय है। इसलिए चीन सरकार ने कॉलेजों में लव एजुकेशन शुरू करने का फैसला किया है। ये पाठ्यक्रम छात्रों को रोमांटिक रिश्तों को बेहतर ढंग से समझने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्र अब एक-दूसरे से प्यार करना सीखेंगे। लव एजुकेशन शुरू करने का मुख्य उद्देश्य, रोमांटिक रिलेशनशिप, शादी और बच्चे पैदा करने पर सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। 

देश की गिरती जन्म दर को बढ़ावा देने के लिए लिया फैसला

चीनी मीडिया के अनुसार, देश की गिरती जन्म दर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से लव एजुकेशन शुरू करने का आह्वान किया है। ताकि कॉलेज के छात्र प्रजनन क्षमता में गिरावट को रोक सकें। नवंबर में चीन की राज्य परिषद ने स्थानीय सरकारों से उचित उम्र में बच्चे पैदा करने और शादी को बढ़ावा देकर जनसंख्या में गिरावट का मुकाबला करने का आग्रह किया था।

 लव मैरिज के प्रति बदला छात्रों का दृष्टिकोण

दरअसल, चीनी कॉलेज के छात्रों को रोमांटिक रिश्तों में कोई दिलचस्पी नहीं है। लव मैरिज के प्रति छात्रों का दृष्टिकोण काफी बदल गया है। चाइना पॉपुलेशन न्यूज द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 57 प्रतिशत कॉलेज छात्रों ने रोमांटिक रिश्तों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है और इसका मुख्य कारण रिश्तों के साथ पढ़ाई को संतुलित करने में कठिनाइयों का हवाला देना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिश्तों पर व्यापक और वैज्ञानिक शिक्षा की कमी के कारण कई छात्रों के पास भावनात्मक संबंधों के बारे में अस्पष्ट विचार है।

चीन के लोग तेजी से हो रहे बूढ़े

विश्वविद्यालयों को छात्रों को राष्ट्रीय जनसांख्यिकी, विवाह पर समकालीन दृष्टिकोण और परिवार नियोजन पर शिक्षित करके जनसंख्या बढ़ोतरी के लिए प्रोत्साहित करने को कहा गया है। बता दें कि देश में 2023 में लगातार दूसरे वर्ष जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई है। लगभग 1.4 बिलियन लोगों के साथ दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद चीन की जनसंख्या तेजी से बूढ़ी हो रही है। इस जनसांख्यिकीय प्रवृत्ति से सरकारी खर्च पर दबाव पड़ने और अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव पड़ने की उम्मीद है।

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