Monday, November 25, 2024
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चंद्रमा के जटिल और सुदूर क्षेत्र के विशाल गड्ढे में उतरा चीनी अंतरिक्ष यान, चांद से नमूने लेकर करेगा बड़ा काम

भारत और अमेरिका को टक्कर देने के लिए चीन ने चंद्रमा के ऐसे सुदूर क्षेत्र में अपने अंतरिक्ष यान की लैंडिंग कराई है, जहां पहुंचना बेहद मुश्किल होता है। मगर चीन ने सफलतापूर्व अपने इस मिशन को अंजाम दिया है। चीन का अंतरिक्ष यान चंद्रमा से वहां के नमूने लेकर पृथ्वी पर लौटेगा, जो चीन को 2030 तक मानव मिशन को पूरा करेगा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: June 02, 2024 11:00 IST
चंद्रमा पर उतरा चीनी अंतरिक्ष यान। - India TV Hindi
Image Source : AP चंद्रमा पर उतरा चीनी अंतरिक्ष यान।

बीजिंगः भारत और अमेरिका से कड़ी प्रतिद्वंदिता रखने वाले चीन ने चंद्रमा के सबसे सुदूर और जटिल क्षेत्र के एक विशाल गड्ढे में सफलतापूर्वक अपने अंतरिक्ष यान की लैंडिंग कराई है। चीन का यह अंतरिक्ष यान मिट्टी और चट्टान के नमूने एकत्रित करने के लिए रविवार को चंद्रमा के इस सुदूर हिस्से में उतरा है। चीनी वैज्ञानिकों के अनुसार ये नमूने चंद्रमा के कम खोजे गए क्षेत्र और अच्छी तरह ज्ञात इसके निकटतम भाग के बीच अंतर के बारे में जानकारियां उपलब्ध करा सकते हैं। चंद्रमा का निकटतम भाग चंद्र गोलार्ध है जो हमेशा सुदूर भाग के विपरीत यानी पृथ्वी की ओर होता है।

चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के अनुसार, लैंडिंग मॉड्यूल दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन नामक एक विशाल गड्ढे में बीजिंग के स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजकर 23 मिनट पर उतरा। यह चांग’ए चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम के तहत छठा मिशन है, जिसका नाम चीनी चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है। इसे चांद पर एकत्र किये गये नमूनों को पृथ्वी पर लाने के लिए बनाया गया है। इससे पहले 2020 में चांग’ए 5 ने भी चंद्रमा के निकटतम भाग से नमूने एकत्रित किए थे। यह कार्यक्रम अमेरिका और जापान तथा भारत समेत अन्य देशों के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विता के बीच शुरू किया गया है।

चीन ने अंतरिक्ष में बनाया है अपना स्टेशन

चीन ने अंतरिक्ष में अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित किया है और वह वहां नियमित रूप से चालक दल के सदस्यों को भेजता रहता है। चीन का उद्देश्य 2030 से पहले चंद्रमा पर एक मनुष्य को भेजना है जिससे वह अमेरिका के बाद ऐसा करने वाला दूसरा देश बन जाएगा। अमेरिका 50 साल से अधिक समय बाद पहली बार चंद्रमा पर फिर से अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है। चीन के मौजूदा मिशन में लैंडर को करीब दो दिन तक दो किलोग्राम सतह और भूमिगत सामग्री एकत्र करने के लिए एक मशीन और एक ड्रिल का इस्तेमाल करना है। इसके बाद लैंडर के ऊपर लगा एक आरोहक इन नमूनों को एक धातु वैक्यूम कंटेनर में दूसरे मॉड्यूल तक ले जाएगा जो चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है।

इस कंटेनर को फिर एक कैप्सूल में स्थानांतरित किया जाएगा जिसे करीब 25 जून को चीन के मंगोलिया क्षेत्र के मरुस्थल में पृथ्वी पर वापस आना है। चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र तक मिशन भेजना ज्यादा मुश्किल है क्योंकि यह पृथ्वी के सामने नहीं होता जिसके कारण संचार बनाए रखने के लिए रिले उपग्रह की आवश्यकता होती है। साथ ही यह हिस्सा अधिक उबड़-खाबड़ है जहां लैंडर के उतरने के लिए बहुत ही कम समतल भूमि है। (एपी)

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