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ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन खेलना चाह रहा सीक्रेट खेल, भारत ने शुरू की पैनी निगरानी

चालबाज चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर सीक्रेट गेम खेलने की पूरी तैयारी कर चुका है। मगर भारत को उसकी हरकतों का पता चल गया है। लिहाजा भारतीय सेना चीन पर पैनी निगरानी रख रही है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: April 23, 2023 17:40 IST
ब्रह्मपुत्र नदी- India TV Hindi
Image Source : PTI ब्रह्मपुत्र नदी

चालबाज चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर सीक्रेट गेम खेलने की पूरी तैयारी कर चुका है। मगर भारत को उसकी हरकतों का पता चल गया है। लिहाजा भारतीय सेना चीन पर पैनी निगरानी रख रही है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि भारत में प्रवेश से पहले चीनी इलाके में ब्रह्मपुत्र नदी पर ड्रैगन 60 हजार मेगावाट क्षमता की पनबिजली परियोजना पर तेजी से काम कर रहा है। हालांकि केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क है और इस पर पैनी नजर बनाये हुए है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के कारण भारतीय हित प्रभावित न हों, इसे लेकर सरकार पूरी तरह से जागरूक है।

शेखावत ने  कहा, ‘‘ चीन पहले लगातार इस बात से इंकार करता रहा है कि इस तरह की उसकी कोई बांध परियोजना है। लेकिन गत दो-तीन वर्षों में, पहले वहां की सरकारी कंपनी ‘पावर चाइना’ ने और बाद में वहां की सरकार ने अपनी पंचवर्षीय योजना में इस बात का उल्लेख किया है।’’ उन्होंने कहा कि पहले ‘पावर चाइना’ ने और बाद में वहां की सरकार ने अपनी पंचवर्षीय योजना में उल्लेख किया कि ब्रह्मपुत्र नदी जहां पर भारत में प्रवेश करती है, उससे पहले ऊपरी इलाके में कई तरह के ढांचे खड़े कर 60 हजार मेगावाट पनबिजली पैदा की जायेगी। शेखावत ने कहा, ‘‘ भारत सरकार निरंतर इस विषय पर पैनी नजर रखे हुए है और भारत के हितों पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े, इसके लिए हर संभव कदम उठाने के लिए जागरूक भी हैं और आगे काम भी करेंगे।’’

अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बड़ी पनबिजली परियोजना का निर्माण कर रहा चीन

गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में कई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि चीन, अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बड़ी पनबिजली परियोजना का निर्माण कर रहा है। चीन की सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के हवाले से वर्ष 2021 में कहा गया था कि चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की वर्ष 2021 में हुई बैठक में 14वीं पंचवर्षीय योजना को मंजूरी दी गई थी। चौदहवीं पंचवर्षीय योजना में ब्रह्मपुत्र नदी की धारा पर बांध बनाना शामिल था। ब्रह्मपुत्र को तिब्बत में यारलुंग सांगपो कहा जाता है, जिस पर बांध बनाने का प्रस्ताव किया गया था। इस पर भारत और बांग्लादेश ने चिंता जताई थी। चीन ने इस तरह की चिंताओं को दूर करते हुए कहा था कि वह उनके हितों को ध्यान में रखेगा।

चीन जल विद्युत योजनाओं को चीनी सरकार की मंजूरी

वर्ष 2022 में संसद में पेश जल संसाधन संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, समिति को विदेश मंत्रालय द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्य धारा पर तीन जल विद्युत परियोजनाओं को चीनी प्राधिकार ने मंजूरी दी है। समिति को यह भी बताया गया था कि ब्रह्मपुत्र नदी पर विकास संबंधी कार्यों को लेकर भारत जैसे देशों के हितों को सुनिश्चित करने के लिये चीनी प्रशासन के समक्ष लगातार विचार एवं चिंताएं व्यक्त की जाती रही हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने बताया था कि जल विद्युत परियोजना ‘रन ऑफ द रिवर’ (नदी के प्रवाह के साथ) पर है और इसमें ब्रह्मपुत्र नदी का जल विभाजन शामिल नहीं है। हालांकि, संसदीय समिति ने आशंका व्यक्त की थी कि पानी को तालाबों में संग्रहित किया जा सकता है और टर्बाइन चलाने के लिए छोड़ा जा सकता है, जिससे कुछ समस्याएं हो सकती हैं।

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