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China VS Taiwan: चीन की चाल को कामयाब नहीं होने देगा अमेरिका, ताइवान के साथ कंधे से कंधा मिला कर रहेगा खड़ा

China VS Taiwan: अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने अपने ताइवान के यात्रा के दौरान साफ कर दिया कि अमेरिका किसी भी कीमत पर अब ताइवान का साथ नहीं छोड़ेगा।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Aug 05, 2022 11:45 IST, Updated : Aug 05, 2022 11:45 IST
Joe Biden And XI Jinping
Image Source : INDIA TV Joe Biden And XI Jinping

Highlights

  • चीन की चाल को कामयाब नहीं होने देगा अमेरिका
  • ताइवान के साथ कंधे से कंधा मिला कर रहेगा खड़ा
  • नैंसी पेलोसी ने चीन को लेकर दिया बड़ा बयान

China VS Taiwan: अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने अपने ताइवान के यात्रा के दौरान साफ कर दिया कि अमेरिका किसी भी कीमत पर अब ताइवान का साथ नहीं छोड़ेगा। उन्होंने यहां तक कह दिया कि चीन को कोई अधिकार नहीं है कि वह अमेरिकी अधिकारियों को ताइवान की यात्रा करने से रोक सके। पेलोसी का कहना है कि चीन ऐसा इसलिए करना चाह रहा है ताकि दुनिया को ताइवान से काट सके। आपको बता दें नैंसी पेलोसी 5 वर्षों में ताइवान की यात्रा करने वाली अमेरिकी संसद की पहली अध्यक्ष हैं।

पेलोसी ने कहा कि चीन ने ताइवान को अलग-थलग करने की कोशिश की, जिसमें हाल में उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन में शामिल होने से रोकना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘वे ताइवान को अन्य स्थानों पर जाने या भाग लेने से रोक सकते हैं लेकिन वे हमें ताइवान की यात्रा करने से रोककर उसे पृथक नहीं करेंगे।’’ अमेरिकी नेता ने कहा कि ताइवान की उनकी यात्रा का मकसद द्वीप के लिए यथास्थिति में बदलाव लाना नहीं था, बल्कि ताइवान में शांति बनाए रखना था।

लोकतंत्र की तारीफ की

नैंसी पेलोसी ने ताइवान में बड़ी मुश्किल से स्थापित किए गए लोकतंत्र की तारीफ की। साथ ही उन्होंने व्यापक समझौतों के उल्लंघन, हथियारों के प्रसार और मानवाधिकार समस्याओं के लिए चीन की आलोचना की। पेलोसी ने बुधवार को ताइपे में कहा था कि यह स्व-शासित द्वीप और दुनिया में कहीं भी लोकतंत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता ‘‘अटल’’ है। पेलोसी और संसद के पांच अन्य सदस्य सिंगापुर, मलेशिया, ताइवान और दक्षिण कोरिया की यात्रा करने के बाद गुरुवार देर रात टोक्यो पहुंचे हैं।

चीन ने दागे मिसाइल

ताइवान पर अपना दावा जताने वाले चीन ने पेलोसी की यात्रा को उकसावा बताया था और गुरुवार को ताइवान के आसपास के छह क्षेत्रों में मिसाइल दागने समेत सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। उसने धमकी दे रखी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा जमा लेगा। इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने शुक्रवार को कहा कि ताइवान की ओर लक्षित चीन का सैन्य अभ्यास एक ‘‘गंभीर समस्या’’ को दिखाता है, जिससे क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरा है।

दरअसल, अभ्यास के तौर पर चीन द्वारा दागी गयी पांच बैलिस्टिक मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरीं। किशिदा ने अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी और सांसदों के उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ सुबह के नाश्ते के बाद कहा कि मिसाइल प्रक्षेपणों को ‘‘तुरंत रोके’’ जाने की आवश्यकता है। जापान के रक्षा मंत्री नुबुओ किशी ने कहा कि जापान के मुख्य द्वीप के सुदूर दक्षिण में स्थित हातेरुमा में गुरुवार को पांच मिसाइलें गिरीं। उन्होंने कहा कि जापान ने यह कहते हुए चीन के समक्ष विरोध दर्ज कराया है कि इन मिसाइलों से ‘‘जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा और जापानी लोगों की जिंदगियों को खतरा है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।’’

जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा कि चीन के कदम ‘‘क्षेत्र तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय में शांति एवं स्थिरता को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं तथा हम सैन्य अभ्यास को तत्काल रोके जाने की मांग करते हैं।’’ हयाशी कंबोडिया में एक क्षेत्रीय बैठक में भाग ले रहे हैं। किशिदा ने कहा कि शुक्रवार को सुबह के नाश्ते पर पेलोसी और कांग्रेस के उनके प्रतिनिधिमंडल ने चीन, उत्तर कोरिया और रूस को लेकर अपनी साझा सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की और ताइवान में शांति एवं स्थिरता के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई। जापान और उसका मुख्य सहयोगी अमेरिका चीन के बढ़ते दबदबे से निपटने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र और यूरोप में अन्य लोकतंत्रों के साथ नयी सुरक्षा और आर्थिक रूपरेखाओं पर जोर देता रहा है। 

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