Highlights
- चीनी विदेश मंत्री ने सोलोमन द्वीप पहुंचे, अगले हफ्ते फिजी में बैठक
- प्रशांत महासागर में अपनी पहुंच बढ़ा रहा चीन
- दो महाशक्तियों के बीच पिसने के खतरे से चिंतित हैं द्वीपीय देश
China vs QUAD: हाल ही में जापान में हुई चार देशों के समूह क्वाड की बैठक से चीन बौखलाया हुआ है। बाइडन के जापान पहुंचने पर ड्रेगन ने रूस के साथ मिलकर बमवर्षक विमान उड़ाए और अमेरिका को अपने इरादे जाहिर किए। जवाब में जापान और अमेरिका ने मिलकर जापान सागर के ऊपर अपने लड़ाकू विमान उड़ाकर चीन को सबक सिखाया। क्वाड से चीन की घबराहट जगजाहिर है। अमेरिका से घबराया चीन अब क्वाड के सदस्य देश आस्ट्रेलिया को घेरने की कोशिश कर रहा है।
चीन प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया के बेहद करीब स्थित 10 छोटे-छोटे देशों के साथ सुरक्षा समझौता करने जा रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोलोमन द्वीप के साथ इसकी शुरुआत भी कर दी है। चीन की इस चाल से अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही सकते में आ गए हैं।
सोलोमन द्वीप पहुंचे चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बेल्ट एंड रोड परियोजना शुरू करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया। चीन और प्रशांत महासागर के 10 देशों के बीच बने मसौदा प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रशांत महासागर के ये देश सुरक्षा, निगरानी, साइबर सुरक्षा और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में काम करेंगे। इस मसौदा प्रस्ताव पर चीन-प्रशांत द्वीपीय देशों के विदेश मंत्रियों में चर्चा होने की अपेक्षा है। यह बैठक फिजी में अगले सप्ताह होने जा रही है।चीनी विदेश मंत्री 10 क्षेत्रीय देशों के दौरे पर पहुंचे हैं। उनका किरिबाती, सामोआ, फिजी, टोंगा, वनुआतू, पापुआ न्यू गिनी और पूर्वी तिमोर जाने का भी कार्यक्रम है।
प्रशांत महासागर में अपनी पहुंच बढ़ा रहा चीन
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रस्तावित कानून प्रशांत महासागर के द्वीपीय देशों में चीन के साथ रिश्तों को लेकर बहुत समर्थन हासिल कर पाएगा। ये सभी द्वीप हिंद प्रशांत क्षेत्र में बहुत अहम भू रणनीतिक महत्व रखते हैं। प्रशांत महासागर के ये द्वीप ऑस्ट्रेलिया के पूर्वोत्तर में स्थित हैं। यह वही जगह है जहां से अमेरिका के गुआम द्वीप से ऑस्ट्रेलिया के बीच जंगी जहाज गुजरते हैं। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही इस बात से चिंतित हैं कि दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रुख अपना रहा चीन अब अपनी पहुंच को प्रशांत महासागर में बढ़ा रहा है।
दो महाशक्तियों के बीच पिसने के खतरे से चिंतित हैं द्वीपीय देश
उधर, भूराजनीति से ज्यादा जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे ये द्वीपीय देश दो महाशक्तियों के बीच पिसने के खतरे से चिंतित हैं। प्रशांत क्षेत्र के 22 अन्य नेताओं को भेजे एक पत्र में मिक्रोनेसिया के राष्ट्रपति डेविड पनुएलो ने कहा कि यह मसौदा प्रस्ताव प्रशांत द्वीपीय देशों को बहुत करीब से चीन के पाले में ला देगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रशांत द्वीपीय देशों की संप्रभुता भी प्रभावित होगी। सबसे बढ़कर इस समझौते पर हस्ताक्षर करते ही चीन बनाम पश्चिमी देशों के बीच नया कोल्ड वार शुरू हो जाएगा।
सोलोमन द्वीप में सैन्य अड्डा बनाने की फिराक में है चीन?
चीन के विदेश मंत्री ने सोलोमन द्वीप के साथ सुरक्षा समझौते का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि यह खुली और पारदर्शी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि चीन का सोलोमन द्वीप में कोई सैन्य अड्डा बनाने का कोई इरादा नहीं है। सोलोमन द्वीप ऑस्ट्रेलिया से मात्र 1600 किमी दूर है। वांग यी भले ही कुछ भी दावा करे लेकिन यह आशंका पैदा हो गई है कि चीन अपनी सेना को सोलोमन द्वीप भेज सकता है और सैन्य अड्डा भी बना सकता है।