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China Vs America: चीन-अमेरिका के बीच युद्ध का खतरा! ताइवान के आसमान से गुजर सकती हैं चीनी मिसाइलें, यूएस ने भेजा जंगी जहाज

China Vs America: पीएलए की सेनाएं ताइवान में 12 नॉटिकल मील यानी 22 किलोमीटर अंदर तक दाखिल होंगी। खतरे को भांपते हुए अमेरिका ने ताइवान के पास फिलीपींस के समुद्र में अपना युद्धपोत USS Ronald Reagan भेज दिया है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Aug 04, 2022 12:02 IST, Updated : Aug 04, 2022 12:12 IST
China Vs America
Image Source : INDIA TV China Vs America

Highlights

  • बौखलाए चीन ने चारों ओर से की ताइवान की घेराबंदी
  • चीन का 26 साल बाद ऐसा असाधारण युद्धाभ्‍यास
  • चीन के सैन्याभ्यास में खतरनाक मिसाइलें शामिल

China Vs America: अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ गया है। नाइवान के करीब चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी-पीएलए ने जॉइंट मिलिटी ​ड्रील शुरू कर ​दी है। चीनी अखबार ग्लेबल टाइम्स के अनुसार ये एक असाधारण युद्धाभ्‍यास है, जिसमें पारंपरिक मिसाइलें पहली बार ताइवान के ऊपर से गुजरेंगी। साथ ही पीएलए की सेनाएं ताइवान में 12 नॉटिकल मील यानी 22 किलोमीटर अंदर तक दाखिल होंगी। खतरे को भांपते हुए अमेरिका ने ताइवान के पास फिलीपींस के समुद्र में अपना युद्धपोत USS Ronald Reagan भेज दिया है। उधर, पीएलएम के पूर्वी थियेटर कमांड की तरफ से बुधवार को नौसेना, वायुसेना, रॉकेट फोर्स, स्‍ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स और ज्‍वॉइन्‍ट लॉजिस्टिक सपोर्ट फोर्स की तरफ से जिस युद्धाभ्‍यास को शुरू किया गया है उसमें ताइवान को चारों दिशाओं से घेर लिया गया है। कमांड की तरफ से प्रेस रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी गई।

बौखलाए चीन ने चारों ओर से की ताइवान की घेराबंदी

चीनी मीडिया के अनुसार  इस ड्रिल में समुद्र से लेकर जमीन और हवा में भी ताइवान की घेराबंदी की जा रही है। ड्रिल में चीन की सेनाएं J-20 स्‍टेल्‍थ फाइटर जेट्स से लेकर DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइल तक का प्रयोग कर रही हैं। मंगलवार को जब से अमेरिकी स्‍पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंची, चीन तब से ही भड़का हुआ था। चीन ताइवान को अपना ही भाग मानता है। ऐसे में जब पेलोसी ने चीन की यात्रा की तो चीन बौखला गया था। उसने धमकी दी थी कि यदि पेलोसी नाइवान आईं तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हालांकि वे यात्रा पर आइं और चीन कुछ नहीं कर पाया। अब पेलोसी के जाने के बाद वह ताइवान पर अपनी खपुन्नस निकाल रहा है। 

चीन 26 साल बाद ऐसा असाधारण युद्धाभ्‍यास

चीनी मीडिया के अनुसार यह साधारण नहीं बल्कि बेहद अहम सैन्याभ्यास है। इसमें पारंपरिक मिसाइलें पहली बार ताइवान के ऊपर से गुजरेंगी। साथ ही पीएलए की सेनाएं ताइवान में 22 किलोमीटर अंदर तक दाखिल होंगी। ताइवान को चीनी आर्मी चारों ओर से घेरेंगी। पीएलए ताइवान पर पूरी तरह नियंत्रण करना चाहती है। चीन ने इसी तरह की मिलिट्री ड्रिल साल 1995 और 1996 में भी की थी। हालांकि आज स्थिति अलग है। पेलोसी की ताइवान में एंट्री से चीन की साख को बट्टा लगा है। ऐसे में वो अपनी साख बनाए रखने के लिए कोई असाधारण कदम भी उठा सकता है। 

चीन के सैन्याभ्यास में खतरनाक मिसाइलें शामिल

चीन ने  जे-20 फाइटर जेट, H-6K बॉम्‍बर, J-11 फाइटर जेट, टाइप 052D डेस्‍ट्रॉयर के साथ ही टाइप 056A कोर्वट और DF-11 शॉर्ट रेंज की बैलेस्टिक मिसाइलों को तैनात कर दिया है। इससे पहले अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट और DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी युद्धाभ्‍यास में शामिल किया गया है। जानकारी के अनुसार चीन की सेना रविवार तक ताइवान के एयरस्‍पेस को चारो तरफ से घेरेगी। चीन ने बुधवार को धमकाते हुए कहा कि वह एक-चीन नीति का उल्लंघन करने को लेकर अमेरिका और ताइवान के खिलाफ कठोर एवं प्रभावी जवाबी कदम उठाएगा। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि '"हम वही करेंगे जो हमने कहा है। कृपया थोड़ा धैर्य रखें।'

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