Highlights
- महातिर मोहम्मद ने ताइवान के मुद्दे पर खुलकर चीन का समर्थन किया है।
- महातिर ने कहा कि अमेरिका चीन और ताइवान में जंग भड़काना चाहता है।
- कश्मीर के मुद्दे पर महातिर का रुख हमेशा भारत के खिलाफ ही रहा है।
China US News: मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद शुक्रवार को खुलकर चीन के समर्थन में खड़े नजर आए। मोहम्मद ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह चीन और ताइवान के बीच जंग भड़काने की कोशिश कर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री ने एक इंटरव्यू में उम्मीद जतायी कि मलेशिया की ‘भ्रष्टाचारी’ सत्ताधारी पार्टी आने वाले महीनों में आम चुनाव कराएगी। 2 बार मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे महातिर को पश्चिम और इसकी जियोपॉलिटिक्स का आलोचक माना जाता है। महातिर मोहम्मद ने कई बार कश्मीर पर भी बोला है और तमाम मौकों पर पाकिस्तान का पक्ष लिया है।
‘चीन चाहता तो ताइवान पर हमला कर सकता था’
अबने ताजा बयान में महातिर मोहम्मद ने कहा है कि अमेरिका प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की हालिया यात्रा के जरिये चीन को नाराज करने का काम कर रहा है। 97 साल के महातिर ने कहा, ‘चीन ने ताइवान को स्वायत्त रहने की इजाजत दी है। उसने हमला नहीं किया। अगर वह हमला करना चाहता तो ऐसा कर सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। अमेरिका उन्हें उकसा रहा है ताकि जंग हो जाये और चीनी सरकार हमला करने की गलती कर दे। इसके बाद अमेरिका ताइवान की मदद करने की बात कहकर उसे भारी मात्रा में हथियार बेचेगा।’
कश्मीर पर हमेशा भारत के विरोध में रहे महातिर
वैसे महातिर मोहम्मद सिर्फ चीन और ताइवान नहीं बल्कि कश्मीर मुद्दे पर भी काफी कुछ बोलते रहे हैं। प्रधानमंत्री रहते हुए कश्मीर और अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर उन्होंने भारत के विरोध में कई बातें कही थीं, हालांकि उनके बयानों का खुद उनके अपने ही देश में बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था। कश्मीर पर अनर्गल बयानबाजी करने के कुछ ही दिन बाद उन्हें तमाम सियासी कारणों से प्रधानमंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ा था। महातिर मोहम्मद ने नागिरकता कानून यानी कि CAA पर भी भारत की जमकर मुखालफत की थी।