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ताइवान सम्मेलन को लेकर क्यों बौखलाया चीन, अब तक इन 6 देशों को फोन करके ताइपे न आने की दी धमकी

ताइवान में होने वाले चीन केंद्रित सम्मेलन को लेकर ड्रैगन बौखला गया है। ऐसे में उसने अभी से सम्मेलन में शामिल होने वाले देशों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। चीन ने सम्मेलन में शामिल होने वाले संभावित देशों को फोनकर उनको ताइपे आने पर धमकी दे रहा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: July 28, 2024 16:53 IST
चीन। - India TV Hindi
Image Source : AP चीन।

बीजिंग: चीन ताइवान में होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से घबरा गया है। इसके लिए चीन के राजनयिक कम से कम छह देशों के नेताओं पर ताइवान में प्रस्तावित चीन केंद्रित सम्मेलन में हिस्सा न लेने का दबाव बनाया है। बैठक में भाग लेने की योजना बना रहे कई देशों के नेताओं ने यह दावा किया है। चीन की ओर से ताइपे आने पर उन देशों को धमकी दी जा रही है। इन देशों में बोलिविया, कोलंबिया, स्लोवाकिया, उत्तर मैसेडोनिया, बोस्निया एवं हर्जेगोविना जैसे देश शामिल हैं। वहीं एक अन्य एशियाई देश (जिसने नाम उजागर करने से इनकार कर दिया) के नेताओं ने कहा कि उनके पास (ताइवान में होने वाली) बैठकों के संबंध में संदेश और फोन कॉल आ रहे हैं, जिसमें उनसे पूछा जा रहा है कि क्या वे ताइवान की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं।

इन नेताओं ने चीन की इस हरकत को स्वशासित द्वीप को अलग-थलग करने का प्रयास बताया। ताइवान में चीन केंद्रित सम्मेलन सोमवार से शुरू होगा। इस सम्मेलन का आयोजन चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन कर रहा है, जो 35 देशों के सैकड़ों सांसदों का एक समूह है। यह समूह इस बात को लेकर चिंतित है कि लोकतांत्रिक देश बीजिंग के प्रति कैसा रुख रखते हैं। ‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने सम्मेलन के आयोजकों और तीन नेताओं से बात की तथा चीनी राजनयिकों द्वारा उन्हें भेजे गए संदेश व ईमेल की समीक्षा की, जिसमें यह पूछा गया है कि क्या वे सम्मेलन में भाग लेने की योजना बना रहे हैं।

ताइपे आने पर चीन ने देशों को दी है जवाबी कार्रवाई की धमकी

चीन अक्सर उन नेताओं और देशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की धमकी देता है, जो ताइवान के प्रति समर्थन दिखाते हैं। वह ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। चीन और ताइवान के विदेश मंत्रालयों ने अभी इस पर टिप्पणी नहीं की है। चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन को लंबे समय से चीन सरकार के दबाव का सामना करना पड़ा है। उसका उद्देश्य बीजिंग के संभावित खतरों के जवाब में कूटनीति को समन्वित करना है। बीजिंग ने इसके कुछ सदस्यों पर प्रतिबंध लगाया है। 2021 में चीन के सरकार प्रायोजित हैकरों ने इस समूह को निशाना बनाया था। (एपी) 

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