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China Taiwan News: श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा, हम ‘एक चीन नीति’ का समर्थन करते हैं

China Taiwan News: विक्रमसिंघे ने कहा कि देशों को उकसावे की किसी ऐसी स्थिति से बचना चाहिए जिससे मौजूदा वैश्विक तनाव और बढ़े।

Edited By: Vineet Kumar @JournoVineet
Published : Aug 04, 2022 19:40 IST, Updated : Aug 04, 2022 19:40 IST
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Image Source : AP Sri Lanka President Ranil Wickremesinghe and China President Xi Jinping.

Highlights

  • विक्रमसिंघे ने ‘एक चीन नीति’ के प्रति अपना समर्थन जताया है।
  • नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन बौखलाया हुआ है।
  • कहा जा रहा है कि श्रीलंका ने मजबूरी में चीन का समर्थन किया है।

China Taiwan News: चीन के तीखे विरोध के बावजूद अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा ने दुनिया में हलचल मचा दी है। नैंसी की यात्रा के बाद से चीन बेहद गुस्से में है, ऐसे में रूस समेत कुछ देश उसके प्रति अपना समर्थन जता रहे हैं। चीन का समर्थन करने वाले देशों में एक नाम श्रीलंका का भी जुड़ गया है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि आज श्रीलंका की जो हालत है उसमें चीन का भी अहम रोल है, लेकिन श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को कहा कि उनका देश एक-चीन नीति ‘One China Policy’ को लेकर दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।

ताइवान के आसपास बम-गोले बरसा रहा है चीन

पेलोसी ने बुधवार को राष्ट्रपति साई इंग-वेन सहित ताइवान के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत की थी और ताइवान के लिए अमेरिका के मजबूत समर्थन की पुष्टि की थी। पिछले 25 सालों में यह पहला मौका था जब पेलोसी के कद की किसी अमेरिकी अधिकारी ने ताइवान का दौरा किया था। पेलोसी के दौरे के बाद चीन बुरी तरह बौखला गया और उसने ऐलान किया कि वह जवाबी कार्रवाई में ताइवान के करीब सैन्य अभ्यास करेगा। चीन ताइवान के आसपास बम और गोले बरसा रहा है ताकि कुछ दबाव बनाया जा सके, हालांकि उसकी यह नीति ज्यादा काम करती नहीं दिख रही है।

‘मैंने श्रीलंका में चीन के राजदूत के साथ बैठक की’
इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, ‘श्रीलंका में चीन के राजदूत क्यूई जेनहोंग के साथ एक बैठक के दौरान एक चीन नीति के साथ-साथ राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के संयुक्त राष्ट्र चार्टर सिद्धांतों के लिए श्रीलंका की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया।’ विक्रमसिंघे ने बुधवार को क्यूई के साथ अपनी बैठक के दौरान कहा कि देशों को उकसावे की किसी ऐसी स्थिति से बचना चाहिए जिससे मौजूदा वैश्विक तनाव और बढ़े। उन्होंने यह भी कहा कि ‘आपसी सम्मान और देशों के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप शांतिपूर्ण सहयोग और गैर-टकराव के लिए महत्वपूर्ण आधार हैं।’

श्रीलंका ने मजबूरी में जताया चीन के प्रति समर्थन?
चीन के विदेश मंत्रालय ने दोहराया है कि दुनिया में केवल एक चीन है और ताइवान उसका अभिन्न हिस्सा है। बता दें कि श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और उसे चीन का बहुत सारा कर्ज चुकाना है। ऐसे में माना जा रहा है कि विक्रमसिंघे का चीन को यह समर्थन उसे खुश करने के लिए है। विशेषज्ञों का मानना है कि श्रीलंका फिलहाल चीन को भले ही खुश न कर सके, लेकिन नाराज करने की हालत में बिल्कुल नहीं है। उनका कहना है कि ऐसे में विक्रमसिंघे के बयान पर ज्यादा हैरानी नहीं होनी चाहिए।

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