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China Spy Ship: श्रीलंका पहुंचा चीन का जासूसी जहाज- युआन वांग 5, सैटेलाइट-मिसाइल ट्रैक करने में सक्षम

China Spy Ship: भारत की चिंताओं के बीच सैटेलाइट और मिसाइलों को ट्रैक करने की क्षमता वाला चीनी जहाज 'युआन वांग 5' आज यानी मंगलवार को श्रीलंका के दक्षिणी बंदरगाह 'हंबनटोटा' पहुंच गया। 22 अगस्त तक वह यहीं रकेगा।

Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Published : Aug 16, 2022 10:41 IST, Updated : Dec 14, 2022 23:02 IST
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Image Source : INDIA TV Representative image

Highlights

  • श्रीलंका पहुंचा चीन का जासूसी जहाज- युआन वांग 5
  • सैटेलाइट-मिसाइल ट्रैक करने में सक्षम है यह जहाज
  • 22 अगस्त तक यहीं रुकेगा जहाज, भारत जता चुका है ऐतराज

China Spy Ship: भारत की चिंताओं के बीच सैटेलाइट और मिसाइलों को ट्रैक करने की क्षमता वाला चीनी जहाज 'युआन वांग 5' आज यानी मंगलवार को श्रीलंका के दक्षिणी बंदरगाह 'हंबनटोटा' पहुंच गया। कुछ दिनों पहले कोलंबो ने भारत की चिंताओं को देखते हुए बीजिंग से इस जहाज का बंदरगाह पर आने का कार्यक्रम टालने का अनुरोध किया था। चीन का बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह निगरानी जहाज ‘युआन वांग 5’ स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजकर 20 मिनट पर दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा पहुंचा। यह जहाज 22 अगस्त तक यहां रुकेगा। इस जहाज को पहले 11 अगस्त को बंदरगाह पर पहुंचना था लेकिन श्रीलंकाई प्राधिकारियों से मंजूरी न मिलने के कारण इसके आने में देरी हुई। 

22 अगस्त तक यहीं रुकेगा जहाज 'युआन वांग 5'

भारत द्वारा सुरक्षा चिंता व्यक्त किये जाने के बाद श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह चीनी दूतावास से इस जहाज का आगमन टाल देने का अनुरोध किया था। इसके बाद कोलंबो ने शनिवार को जहाज को 16 से 22 अगस्त तक बंदरगाह पर रुकने की मंजूरी दे दी थी। गौरतलब है कि भारत ने श्रीलंका के बंदरगाह पर ठहरने के दौरान इस जहाज की निगरानी प्रणाली द्वारा भारतीय प्रतिष्ठानों की जासूसी की कोशिश करने की आशंका जतायी थी। 

काफी विचार-विमर्श के बाद लिया फैसला: श्रीलंका

श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने जहाज को बंदरगाह पर रुकने की अंतिम मंजूरी देते हुए पिछले सप्ताह कहा था कि श्रीलंकाई सरकार ने इस मामले को मैत्रीपूर्ण, परस्पर विश्वास और सार्थक संवाद के जरिए सुलझाने के उद्देश्य से सभी संबंधित पक्षों के साथ कूटनीतिक माध्यमों से उच्च स्तर पर व्यापक विचार-विमर्श किया। बयान के अनुसार, सरकार ने सभी संबंधित पक्षों के हितों तथा देशों की संप्रभु समानता के सिद्धांत पर विचार किया।

भारत ने जताया था 'ऐतराज'

चीन के पास जासूसी करने के लिए युआंग वांग 5 जैसे 7 जहाज हैं। जिन्हें प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर में निगरानी करने के लिए उतारा गया है। इनका काम लैंड आधारित कमांडिंग सेंटर को जानकारी भेजना है। युआंग वांग 5 युआन वांग सीरीज की थर्ड जनरेशन की ट्रैकिंग शिप है। ये 29 सितंबर 2007 से सेवा में है। इसे जियांगन शिपयार्ड में बनाया गया था। जब खबर आई कि वह अपने इस जहाज को श्रीलंका भेज रहा है, तो भारत ने ऐतराज जताया था। 

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