Highlights
- चीन के ‘तियानगोंग’ स्पेस स्टेशन में तीन मॉड्यूल शामिल हैं, जिसमें दो लैब मॉड्यूल हैं
- पहले मूल मॉड्यूल को अप्रैल 2021 में लॉन्च किया गया था
- रविवार को लॉन्च किया गया 'वेन्तियान' स्पेस स्टेशन ‘तियानगोंग’ का पहला लैब मॉड्यूल है
China Space Program: चीन ने अपने अंडर कंस्ट्रक्शन स्पेस स्टेशन के पहले लैब मॉड्यूल का रविवार को सफलतापूर्वक लाॉन्च किया। यह इस साल के अंत तक देश के महत्वाकांक्षी स्पेस सेंटर का कंस्ट्रक्शन को पूरा करने की दिशा में नया कदम है। चीन की स्पेस एजेंसी (CMSA) के मुताबिक, साउथ आइलेंड प्रोविंस हैनान के तट पर स्थित 'वेनचांग स्पेसक्राफ्ट लॉन्च' स्थल से ‘वेन्तियान’ को लेकर ‘लॉन्ग मार्च-5बी वाई3’ रॉकेट रवाना हुआ। यह नया मॉड्यूल मूल मॉड्यूल के काम न करने की स्थिति में उसकी जगह काम करेगा। इसेक साथ ही तियानगोंग स्पेस सेंटर में शक्तिशाली वैज्ञानिक लैब के तौर पर भी काम करेगा।
सरकारी न्यूजपेपर ‘पीपुल्स डेली’ की खबर के मुताबिक, चीन लैब मॉड्यूल का सफलतापूर्वक लॉन्च करने के साथ ही अपने स्पेस सेंटर का कंस्ट्रक्शन जल्द ही पूरा करने वाला है। चीन के ‘तियानगोंग’ स्पेस स्टेशन का कंस्ट्रक्शन इस साल तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद यह सिंगल मॉड्यूल संरचना से तीन मॉड्यूल वाले नेशनल स्पेस लैब में बदल जाएगा। इनमें मूल मॉड्यूल तिआन्हे और दो लैब मॉड्यूल वेन्तियान और मेंग्तियान शामिल हैं।
अक्टूबर में लॉन्च होगा तीसरा 'मेंग्तियान' मॉड्यूल
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने बताया कि तिआन्हे मॉड्यूल को अप्रैल 2021 में लॉन्च किया गया था और मेंग्तियान मॉड्यूल को इस साल अक्टूबर में लॉन्च किया जाना है। CMSA ने बताया कि अगले कुछ घंटों में वेन्तियान अपने निर्धारित स्थान पर पहुंच जाएगा और तियानगोंग स्टेशन के तियान्हे मूल मॉड्यूल के साथ काम करने लगेगा। इसके बाद मिशन के तीन सदस्य लैब मॉड्यूल की स्थिति और आंतरिक डिवाइसों की जांच करने के लिए उसमें जाएंगे। चीन का यह स्पेस सेंटर दुनिया में किसी भी देश का अपना पहला स्पेस सेंटर होगा।
रूस का ISS कई देशों का सामूहिक प्रोजेक्ट है
रूस का इंटरनेशल स्पेस स्टेशन (ISS) कई देशों का सामूहिक प्रोजेक्ट है। चीन का स्पेस स्टेशन (CSS) रूस द्वारा बनाए ISS का कंपेटिटर भी हो सकता है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि आगामी वर्षों में ISS के रिटायर होने पर CSS स्पेस में अकेला स्पेस सेंटर बन सकता है। चीन के निर्माणाधीन स्पेस सेंटर की अहम बात इसकी दो रोबोटिक शाखाएं हैं, जो अंतरिक्ष से उपग्रहों समेत अन्य वस्तुओं को खींचने की क्षमता रखती हैं। इसे लेकर अमेरिका ने पहले ही चिंता व्यक्त की है।