Wednesday, January 08, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. ब्रह्मपुत्र नदी पर बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े बांध को लेकर चीन ने दी सफाई, जानिए क्या कहा

ब्रह्मपुत्र नदी पर बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े बांध को लेकर चीन ने दी सफाई, जानिए क्या कहा

चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है। चीन इस बांध को बेहद संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में बना रहा है यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। भारत ने इस निर्माण परियोजना पर चिंता जाहिर की तो चीन ने अब सफाई दी है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : Jan 07, 2025 14:37 IST, Updated : Jan 07, 2025 14:37 IST
ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की बांध परियोजना
Image Source : एआई जनरेटेड ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की बांध परियोजना

बीजिंग: चीन ने भारत की सीमा के पास तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने की अपनी योजना बनाई है। इसे लेकर चीन ने कहा कि प्रस्तावित परियोजना गहन वैज्ञानिक सत्यापन से गुजर चुकी है। नदी प्रवाह का निचले इलाकों में स्थित भारत और बांग्लादेश पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। लगभग 13.7 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना पारिस्थितिक रूप से नाजुक हिमालयी क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेट सीमा पर स्थित है, जहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। 

बांध का नहीं पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

चीनी विदेश मंत्रालय के नए प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने प्रेस वार्ता में बताया कि यारलुंग सांगपो नदी (ब्रह्मपुत्र नदी का तिब्बती नाम) के निचले क्षेत्र में चीन द्वारा किए जा रहे जलविद्युत परियोजना के निर्माण का गहन वैज्ञानिक सत्यापन किया गया है और इससे निचले हिस्से में स्थित देशों के पारिस्थितिकी पर्यावरण, भूविज्ञान और जल संसाधनों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत ने बांध पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। 

चीन ने पिछले महीने दी थी मंजूरी

गौरतलब है कि पिछले महीने, चीन ने तिब्बत में भारतीय सीमा के करीब ब्रह्मपुत्र नदी पर यारलुंग जांगबो नाम के एक बांध बनाने की योजना को मंजूरी दी थी। योजना के अनुसार, विशाल बांध हिमालय की पहुंच में एक विशाल घाटी पर बनाया जाएगा, जहां से ब्रह्मपुत्र अरुणाचल प्रदेश और फिर बांग्लादेश में पहुंचती है। 

जियाकुन ने और क्या कहा

भारत की यात्रा पर आए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुलिवन के साथ भारतीय अधिकारियों की वार्ता में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। इस बारे में पूछे जाने पर जियाकुन ने कहा कि यह कुछ हद तक आपदा की रोकथाम और जोखिम कम करने तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में अनुकूल कदम होगा। 

भारत ने जताई है चिंता

प्रस्तावित बांध पर तीन जनवरी को अपनी पहली प्रतिक्रिया में, भारत ने चीन से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि ब्रह्मपुत्र के प्रवाह वाले निचले इलाकों के हितों को ऊपरी इलाकों में होने वाली गतिविधियों से नुकसान ना पहुंचे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिल्ली में मीडिया से कहा, ‘‘हम अपने हितों की रक्षा के लिए निगरानी जारी रखेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।’’

चीन ने किया था बचाव 

इससे पहले, 27 दिसंबर को विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने की चीन की योजना का बचाव करते हुए कहा था कि परियोजना का निचले क्षेत्रों के प्रभाह में नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि चीन नदी के प्रवाह के निचले क्षेत्रों में स्थित देशों के साथ संवाद जारी रखेगा और नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लाभ के लिए आपदा निवारण व राहत पर सहयोग बढ़ाएगा। (भाषा)

यह भी पढ़ें:

ट्रंप ने लगाए गंभीर आरोप, बोले 'सत्ता हस्तांतरण को मुश्किल बनाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं बाइडेन'

अमेरिका में बर्फीले तूफान ने मचाई तबाही, लाखों घरों की कटी बिजली; 2,400 उड़ानें रद्द

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement