Highlights
- शी जिनपिंग की साजिश खुलने से लिज ट्रस के खेमे में हड़कंप
- ब्रिटेन सरकार ने सैनिकों को वापस बुलाने की शुरू की कार्रवाई
- ब्रिटेन के 30 पूर्व सैनिकों को चीन ने अपनी सेना में शुरू कर दी थी भर्ती
British Pilots into Chinese Army: तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने को बेताब शी जिनपिंग की चाल ने ब्रिटेन में भूचाल ला दिया है। जिनपिंग जो करने जा रहे हैं ब्रिटेन ने उसकी कल्पना सपने में भी नहीं की रही होगी। मगर जब मामला खुला तो ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस भी हरकत में आ गई। शी जिनपिंग एक तरह से ब्रिटिश की सेना में सेंध लगा दी है। उन्होंने ब्रिटेन के कई सैन्य पायलटों को अपनी सेना में भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वह तो गनीमत है कि ब्रिटेन को इसकी जानकारी समय रहते मिल गई। हालांकि तब तक ब्रिटेन के करीब 30 मौजूदा व सेवानिवृत्त सैन्य पायलट चीन पहुंच चुके हैं और उन्होंने चीनी सेना के जवानों को प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है। इससे लंदन में खलबली मच गई है। अब ब्रिटेन की सरकार जिनपिंग के इस अभियान को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाने जा रही है।
दरअसल शी जिनपिंग ने कई ब्रिटिश जवानों को अपनी सेना में भर्ती करने का ऑफर दे दिया। उन्होंने ब्रिटेन के 30 जवानों को हायर करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। मगर ब्रिटेन को इसकी कानों-कान खबर नहीं थी। इधर जिनपिंग जल्द से जल्द अपने इस मिशन को कामयाब करने में जुट गए थे। हालांकि इसी दौरान ड्रैगन की इस बड़ी साजिश का भंडाफोड़ हो गया। यह जानकर ब्रिटेन के भी होश फाख्ते हो गए। अगर जिनपिंग अपने इस मिशन में पूरी तरह कामयाब हो गए होते तो वह ब्रिटेन की सेना में बड़ी सेंध लगा सकते थे। अब ब्रिटेन सरकार जिनपिंग की साजिशों को विफल करने के लिए ठोस कार्रवाई करने जा रही है।
ब्रिटेन की सरकार ने ये कहा
ब्रिटेन की सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह चीन में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए सेवारत और पूर्व ब्रिटिश सैन्य पायलटों की भर्ती की चीन की कोशिशों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। खबरों के अनुसार ब्रिटेन के 30 पूर्व सैन्य पायलट चीन की सेना के सदस्यों को प्रशिक्षित करने गये हैं और इस तरह के भर्ती अभियानों के खिलाफ रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) तथा अन्य सशस्त्र बल के अधिकारियों को गोपनीय सूचना देकर सतर्क किया जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया ब्रिटेन के मौजूदा कानूनों का उल्लंघन नहीं करती, लेकिन रक्षा मंत्रालय के अनुसार नया राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक इस तरह की ‘सुरक्षा चुनौतियों’ से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय उपलब्ध कराएगा। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम चीन में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए सेवारत और पूर्व ब्रिटिश सैन्य पायलटों की भर्ती की चीन की कोशिशों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठा रहे हैं।
गोपनीयता के दायरे में आते हैं मौजूदा और पूर्व ब्रिटिश सैन्य कर्मी
ब्रिटेन का कहना है कि ‘‘सभी सेवारत और पूर्व अधिकारी पहले ही सरकारी गोपनीयता कानून के दायरे में आते हैं और हम रक्षा क्षेत्र में गोपनीयता अनुबंधों तथा खुलासा नहीं करने संबंधी समझौतों की समीक्षा कर रहे हैं। वहीं नया राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक मौजूदा समेत समकालिक चुनौतियों से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय उपलब्ध कराएगा।’’ सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हीप्पे ने ‘स्काई न्यूज’ से कहा कि चीन के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए ब्रिटिश पायलटों की भर्ती कई साल से रक्षा मंत्रालय के लिए चिंता का सबब बनी हुई है।
लिज ट्रस के लिए जिनपिंग की चुनौती
शी जिनपिंग की इस चाल से ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस के सामने कड़ी चुनौती पेश हो चुकी है। ब्रिटिश सेना के सैन्य पायलट चीनी सेना के जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए बीजिंग पहुंच चुके हैं और उन्होंने अपना कार्य भी शुरू कर दिया है। ऐसे में चीन ब्रिटेन के सैन्य ठिकानों और सैन्य अभियानों की गुप्त जानकारी भी हासिल कर सकता है। अब चीन गए अपने 30 पायलटों को वापस बुलाना ब्रिटेन के लिए टेंढ़ी खीर है। चाहे वह पूर्व पायलट हों या मौजूदा। ब्रिटेन को खतरा दोनों ही स्थिति में है।