![नेपाल में भूकंप (प्रतीकात्मक फोटो)](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
Earthquake in Nepal: चीन नेपाल के लिए बेहद अशुभ साबित हुआ है। नेपाल में कम्युनिस्ट की सरकार बनते ही चीन ने अपनी तकनीकी अधिकारियों को एक दिन पहले नेपाल में चीन-नेपाल क्रॉस बॉर्डर रेल लाइन प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने पहुंचा था और उसी रात को देश में भूकंप आ गया। नेपाल में मंगलवार और बुधवार की रात एक के बाद एक लगातार आए 3 झटकों से दहशत फैल गई। इससे नेपाल के लोगों में अफरातफरी मच गई। सोते हुए लोग नींद टूटने पर अपने घरों से निकलकर बाहर की ओर भागने लगे।
बताया जा रहा है कि पश्चिमी नेपाल के अलग-अलग इलाकों में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के मुताबिक बागलुं जिले में दो घंटे पांच मिनट के अंतराल में भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए। केंद्र ने बताया कि मंगलवार देर रात करीब एक बजकर 23 मिनट पर 4.7 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र "अधिकारी चौक" था। केंद्र के मुताबिक इसी प्रकार रात दो बजकर सात मिनट पर 5.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र खुंगा था। इसी प्रकार तड़के तीन बजकर 28 मिनट पर 4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया जिसका केंद्र अधिकारी चौक था।
भूकंप निगरानी केंद्र ने बताया कि ये भूकंप के झटके वर्ष 2015 में आए भूकंप के बाद के झटके नहीं थे बल्कि नया भूकंप था। इन झटकों से नुकसान की तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है। गौरतलब है कि 25 अप्रैल 2015 को नेपाल के गोरखा जिले में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें नौ हजार लोगों की मौत हुई थी और करीब 50 हजार भवनों को क्षति पहुंची थी। यह भूकंप ऐसे वक्त में आया है जब चीन के रेलवे तकनीकी विभाग के अधिकारी नेपाल के सर्वेक्षण दौरे पर हैं। साथ ही चीन और नेपाल के बीच आज ही तीन वर्षों बाद विशेष व्यापार सेवा शुरू हुई है।