बीजिंग: भारत का पड़ोसी देश चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ताजा रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऐसे हथियार विकसित कर रही है, जो दुनिया के लिए एक नए तरह का बायोलॉजिकल खतरा पैदा कर सकते हैं। चीनी सेना ने खुद को 'न्यूरोस्ट्राइक' हथियारों में लीडर के रूप में स्थापित किया है, जिन्हें स्तनधारी (मानव सहित) मस्तिष्क पर हमला करने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ये हथियार CCP बायोथ्रेट्स इनिशिएटिव्स के तहत बना रहा है। ये हथियार निर्देशित ऊर्जा हथियारों का इस्तेमाल करते हुए मानव के दिमाग को निशाना बनाते हैं और उन्हें नियंत्रित भी करते हैं।
'न्यूरोस्ट्राइक' हथियार किस तरह के होते हैं?
'न्यूरोस्ट्राइक' हथियार दिमाग पर हमला करते हैं। इससे किसी मानव को न्यूरोलॉजिकल समस्या हो सकती है, उसकी जागरुकता कम हो सकती है और युद्ध में सैनिकों के दिमागों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) 'न्यूरोस्ट्राइक' और मनोवैज्ञानिक युद्ध को भारत-प्रशांत में अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ अपनी रणनीति के मुख्य घटक के रूप में देखती है। इसका इस्तेमाल एक्सट्रीम कंडीशन में हो सकता है।
रिपोर्ट में सामने आया है कि इन हथियारों का इस्तेमाल बीजिंग में रणनीतिक सोच में एक बुनियादी अंतर को दर्शाता है और यह सिर्फ एक परिकल्पना नहीं है। साल 2020 और 2021 में जब कोविड-19 का प्रकोप चरम पर था, उस समय दक्षिण चीन सागर, पूर्वी चीन सागर, ताइवान जलडमरूमध्य और चीन-भारत सीमा पर चीनी सैन्य गतिविधि में तेजी से इजाफा हुआ था।
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