चालबाज चीन भले ही खुद को पाकिस्तान जैसे देशों का हमदर्द दिखाता है, लेकिन उसकी मंशा पाक समेत अन्य देशों पर अपना प्रभाव और दबदबा कायम कर उन्हें अपना गुलाम बनाने की है। इस कड़ी में चीन ने पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, वर्मा, भूटान जैसे तमाम देशों को कर्ज देकर अपना गुलाम बनाया। फिर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना(बीआरआइ) के जरिये दूसरे देशों में घुसपैठ करके अपना सिस्टम जमाना शुरू किया। अब पाकिस्तान और नेपाल जैसे देशों में विकास ने नाम पर रेल नेटवर्क पहुंचाने की बात कहकर ऐसे देशों की संप्रभुता से खेल खेलना शुरू कर दिया है। ताकि इन सभी देशों को अपना पिछलग्गू बनाया जा सके। अब चीन पाकिस्तान तक 57.7 बिलियन डॉलर के रेल नेटवर्क परियोजना को मंजूरी दी है।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान और चीन को जोड़ने वाली इस नई प्रस्तावित रेलवे परियोजना को सबसे महंगी परियोजना माना जा रहा है। ग्वादर पोस्ट को झिंजियांग के काशगर से जोड़ने वाला प्रस्तावित रेलवे रणनीतिक महत्व रखता है, और इसमें 'व्यापार और भू-राजनीति को नया आकार देने की क्षमता' है। रेलवे का आकलन करने वाले चाइना रेलवे फर्स्ट सर्वे एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ग्रुप के वैज्ञानिकों ने आग्रह किया कि नई परियोजना का समर्थन किया जाना चाहिए। इसका नेतृत्व पूंजी संचालन के उप निदेशक झांग लिंग ने किया था।
पाकिस्तान रेल परियोजना के लिए चीन ने मांगा समर्थन
चीन ने अपनी टीम के जरिये यह संदेश दिया है कि सरकार और वित्तीय संस्थानों (चीन में) को मजबूत समर्थन प्रदान करना चाहिए। संबंधित घरेलू विभागों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ाना चाहिए। समर्थन निधि के इंजेक्शन के लिए प्रयास करना चाहिए और इस परियोजना के निर्माण के लिए मजबूत नीति समर्थन और गारंटी प्रदान करनी चाहिए। जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान को बुनियादी ढांचे से जरूरी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और वह आसानी से चीन के साथ व्यापार करेगा। रेलवे परियोजना प्राचीन सिल्क रोड व्यापार मार्गों के साथ देशों के बीच कनेक्टिविटी में भी सुधार करेगी। अध्ययन में आगे पता चला है कि यह परियोजना पश्चिमी प्रभुत्व वाले मार्गों पर निर्भरता कम करने की योजना का हिस्सा है।
चीन ने दिया रोजगार और व्यापार में वृद्धि का लालच
चीन ने परियोजना को लेकर पाकिस्तान को कई तरह का लालच देना शुरू किया है। शोधकर्ताओं के माध्यम से कहलाया है कि, "इस परियोजना से अधिक रोजगार पैदा होंगे, बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार में वृद्धि की भी उम्मीद है।"अध्ययन में यह भी कहा गया है कि बीते वर्ष पाकिस्तान की जीडीपी परियोजना की अनुमानित लागत का केवल 6 गुना थी और इसलिए, वह पर्याप्त वित्तपोषण करने में असमर्थ था। टीम ने कहा, "ऊर्जा की कमी, खराब निवेश माहौल और राजकोषीय घाटे की वजह से पाक की आर्थिक विकास दर दबाव में आ गई है।
" पाकिस्तान रेलवे निवेश और निर्माण के मामले में पर्याप्त वित्तीय और भौतिक सहायता प्रदान करने में असमर्थ है। पाकिस्तान मुख्य रूप से निवेश और निर्माण के लिए चीनी उद्यमों पर निर्भर है। पाकिस्तान में सुरक्षा के मुद्दे भी रेलवे परियोजना में बाधा डाल सकते हैं और चीनी श्रमिकों और निवेशों के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।