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World News: चीन ने 'एशियाई NATO' के खिलाफ खड़ा किया GSI, नए शीत युद्ध का बढ़ा खतरा, धर्म संकट में फंसा नेपाल

World News: एशिया में अमेरिका, भारत, जापान की घेराबंदी से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब 'एशियाई नाटो' से सामना करने के लिए ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव (जीएसआई) को अपना समर्थन दे रहे हैं।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published : Sep 08, 2022 17:13 IST, Updated : Sep 08, 2022 17:15 IST
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Image Source : AP World News

Highlights

  • बिम्सटेक संयुक्त सैन्य अभ्यास से खुद को दूर कर लिया था
  • अप्रैल 2022 में चीनी राष्ट्रपति ने जीएसआई का आगाज किया था
  • छोटे देशों पर कई दिनों से लगातार दवाब बनाने के प्रयास में लगा है।

World News: एशिया में अमेरिका, भारत, जापान की घेराबंदी से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब 'एशियाई नाटो' से सामना करने के लिए ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव (जीएसआई) को अपना समर्थन दे रहे हैं। चीन इसके लिए एशिया के छोटे देशों पर कई दिनों से लगातार दवाब बनाने के प्रयास में लगा है। चीन श्रीलंका और पाकिस्तान को कर्ज देकर पहले ही बर्बाद कर दिया है। वहीं अब चीन का नजर नेपाल पर है चीन ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव (जीडीआई) का समर्थन करने के लिए नेपाल पर दबाव बना रहा है। नेपाल की पूर्व डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री सुजाता कोइराला ने शेर बहादुर देउबा सरकार से चीन के जीएसआई पर नेपाल का रुख जानने का प्रयास किया है।

 
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रखी थी नींव 

वही सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस की सदस्य सुजाता ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या देउबा सरकार ने नेपाल संसद में अपने संबोधन के दौरान सुरक्षा पहल में भागिदार बनने के लिए फैसला होने का फैसला किया था। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जीएसआई को काफी समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने इसकी घोषणा सबसे पहले अप्रैल में एशिया के लिए बोआओ फोरम में की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले 6 जुलाई को नेपाल में चीन के बदनाम राजदूत हाओ यांकी ने दावा किया था कि नेपाल जीडीआई और जीएसआई दोनों में शामिल होने के लिए अपनी सहमति जताई है।

काठमांडू सूरक्षा संगठन का हिस्सा नहीं
विपक्ष ने कई सवाल दागे लेकिन किसी सवाल का जवाब नहीं मिला। सुजाता कोइराला ने कहा कि विदेश मंत्रालय हर मौकें पर शांत रहा। नेपाल की विदेश नीति के अनुसार, सरकार किसी की भी हो काठमांडू किसी भी सूरक्षा संगठन का हिस्सा नहीं बनता है। उन्होंने चीन के दावे की पोल खोलते हुए कहा कि किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनने की हमारी नीति रही है। नेपाल गुटनिरपेक्षता की नीति में विश्वास रखता है। नेपाल की सरकारें सभी सुरक्षा गठबंधनों हमेशा दुरी बनाती रही है। इस बात का खुलासा साल 2018 में हुआ था जब नेपाल ने बिम्सटेक संयुक्त सैन्य अभ्यास से खुद को दूर कर लिया था।

कोल्ड वार जैसा हो सकता है माहौल 
आपको बता दें कि अप्रैल 2022 में चीनी राष्ट्रपति ने जीएसआई का आगाज किया था। राष्ट्रपति ने कहा कि इससे भविष्य में टकराव नहीं होगा। यूक्रेन युद्ध के बीच जिनपिंग की घोषणा ने दुनिया में सभी देशों के लिए एक अलग मेसेज दी थी। विश्लेषकों का कहना है कि चीन का जीएसआई एक नया कोल्ड वार जैसे माहौल तैयार कर देगा। 

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