बीजिंग: कश्मीर में मोदी सरकार के जबरदस्त एक्शन ने चीन और पाकिस्तान की हवा निकाल दी है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही चीन और पाकिस्तान पानी से निकाली गई मछली की तरह तड़फड़ा रहे हैं, लेकिन वह कुछ कर नहीं पा रहे। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बीजिंग दौरे के दौरान शी जिनपिंग के समक्ष इस मुद्दे को फिर से उठाया है। लिहाजा चीन और पाकिस्तान ने शनिवार को दक्षिण एशिया में कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए किसी भी ‘‘एकतरफा कार्रवाई’’ का विरोध किया।
चीन की यात्रा पर पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर की स्थिति से चीनी नेतृत्व को अवगत कराया। दोनों देशों ने अपनी सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय को लेकर भी चर्चा की। शरीफ की चार दिवसीय चीन यात्रा आज संपन्न हुई, जो मार्च में शुरू हुए उनके दूसरे कार्यकाल के बाद उनकी पहली यात्रा थी। इस यात्रा के दौरान शरीफ का ध्यान चीनी निवेश और सहायता को बढ़ाने पर था, क्योंकि उनका देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
कश्मीर मुद्दे पर जारी किया संयुक्त बयान
चीन-पाकिस्तान के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, ‘‘दोनों पक्ष दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व, सभी लंबित विवादों के समाधान की आवश्यकता तथा किसी भी एकतरफा कार्रवाई के विरोध को रेखांकित करते हैं।’’ इसमें कहा गया, ‘‘पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू कश्मीर की स्थिति के नवीनतम घटनाक्रमों से अवगत कराया। चीनी पक्ष ने दोहराया कि जम्मू कश्मीर विवाद इतिहास से उपजा है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए।’’ भारत पहले भी चीन और पाकिस्तान के ऐसे संयुक्त बयानों को खारिज करता रहा है। (भाषा)
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