चीन में कोरोना वायरस महामारी के कारण हाहाकार मचा हुआ है। यहां आने वाले हफ्तों में कोरोना की हालिया लहर में 80 करोड़ लोगों के संक्रमित होने का खतरा है और 20 लाख लोगों की मौत की आशंका है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। चीन के कई वीडियो और तस्वीरें इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे पूरी दुनिया की चिंता बढ़ गई है। भारत से लेकर अमेरिका तक सरकारी अधिकारी अलर्ट पर हैं। 2019 में जब चीन के वुहान से संक्रमण फैला था, तब दुनिया को नहीं पता था कि संकट कितना घातक होगा और इससे कैसे बचना है।
लेकिन इस बार हालात अलग हैं। सबको पता है कि कोरोना वायरस के मामले क्यों बढ़ रहे हैं और इससे किस तरह निपटना है। चीन की बात करें, तो वहां कोविड-19 की वजह से मची भयंकर तबाही के बावजूद भी सरकार मामले की गंभीरता को छिपाने की कोशिशें कर रही है। चीन अब भी दुनिया को नहीं बता रहा है कि देश में आखिर क्या चल रहा है। दूसरी तरफ बीजिंग में रहने वाले भारतीयों का कहना है कि चीन में इस बार जो संक्रमण दर है, वह पहले से कहीं अधिक है।
कुछ अनुमानों के मुताबिक, चीन में कोरोना के ताजा प्रकोप से 20 लाख लोगों की मौत हो सकती है। एक मशहूर वैज्ञानिक ने तो अपने ट्वीट में यहां तक कह दिया है कि अगले तीन महीने के अंदर चीन की 60 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित हो सकती है। इन सख्त चेतावनियों के बीच भारत समेत पूरी दुनिया के लोग जानना चाहते हैं कि आखिर चीन में कोरोना के मामले क्यों बढ़ रहे हैं? क्या इसके लिए कोरोना का नया वेरिएंट जिम्मेदार है? और चीन अपने यहां और दुनिया में इसके प्रसार से निपटने के लिए क्या कर रहा है।
क्या खुद को दोहराएगा इतिहास?
ये सवाल सभी को परेशान कर रहे हैं लेकिन इनका कोई ठोस जवाब नहीं है। चीन ने पूरे मामले पर हमेशा की तरह चुप्पी साधे रखी है। चीन अभी भी संक्रमितों और मौतों की संख्या बहुत कम बता रहा है। चीन किसी भी सवाल का सटीक जवाब नहीं दे रहा है। वह बहुत कठोर जीरो कोविड पॉलिसी का पालन कर रहा है। इस वजह से चीन में जमकर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। इसके बाद ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने अपने देश में कोरोना नियमों में ढील दी। इससे अब पूरे देश में कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है। चीन ने इन मामलों पर उसी तरह चुप्पी साध रखी है, जैसे उसने साल 2019 और 2020 में पहली बार कोरोना के मामले सामने आने पर साधी थी। तब से अभी तक हम कोरोना वायरस को पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं। अब लोगों को डर सता रहा है कि कहीं वुहान की घटना का इतिहास फिर से खुद को दोहराने वाला तो नहीं है।
चीन जहां इस समय कोरोना के प्रकोप से जूझ रहा है, तो वहीं बाकी दुनिया भी काफी चिंतित है। यही वजह है कि चीन को कोरोना के बारे में पारदर्शी तरीके से जानकारी देनी चाहिए, ताकि दुनिया आने वाले खतरे से बचने के लिए पहले ही जरूरी तैयारी कर ले, क्योंकि अगर यह बीमारी दोबारा दुनिया के अन्य हिस्सों में फैलती है तो इसका बहुत विनाशकारी प्रभाव होगा। सवाल यह भी पूछे जा रहे हैं कि क्या चीन में कोरोना वैक्सीन की कमी से यह महामारी फैल रही है? या फिर इसके पीछे कोरोना वायरस का कोई नया वेरियेंट जिम्मेदार है। क्या चीन से आने वाले वायुमार्ग को बंद कर देना चाहिए ताकि हम साल 2019 जैसे हालात न देखें, या दुनिया एक बार फिर अपने नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की एक और डोज देना शुरू कर दे? सबसे अहम सवाल यह है कि क्या कोरोना की ताजा लहर पहले से ही मुश्किल झेल रही वैश्विक अर्थव्यवस्था को बिखेर देगी?
चीन को देनी चाहिए संकट की जानकारी
चीन के लिए कई सवालों के जवाब देना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि दुनिया के दूसरे देश इससे सीख ले सकते हैं और खुद को बचाने के उपाय कर सकते हैं। वह भी तब जब हम एक और साल कोरोना के साथ बिताने जा रहे हैं। इन सवालों के जवाब तभी मिल सकते हैं, जब चीन अपने घरेलू मामलों में चुप्पी साधने की अपनी नीति को त्याग दे। कोरोना वायरस किसी सीमा या राष्ट्रीयता को नहीं पहचानता है। यही वजह है कि चीन को ताजा कोरोना संकट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देनी चाहिए। इससे दुनिया को महामारी के लिए तैयार रहने में मदद मिलेगी। अगर चीन साल 2019 की तरह कोरोना को छुपाता है तो इससे सभी के लिए संकट खड़ा होना लाजमी है।