Highlights
- रूस भी चीन के पक्ष में खड़ा हुआ, क्या होगा महायुद्ध?
- चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर
- चीन 26 साल बाद ऐसा असाधारण युद्धाभ्यास
China News: चीन और ताइवान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ताइवान के पास चीन ने 100 फाइटर जेट उड़ाए हैं। इससे पहले बुधवार को भी 27 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर जोन में दाखिल हो गए थे। गुरुवार को एक कदम आगे बढ़कर चीन ने 11 बैलिस्टिक मिसाइल भी ताइवान के आसपास वाले इलाकों पर दाग दीं। इनमें से पांच तो जापान के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में जाकर गिरीं। इस घटना पर जापान भी भड़क गया है। उसने कहा है कि चीन का जापान के इलाके में मिसाइल दागने से जापान की सुरक्षा को खतरा है। ताइवान के चारों तरफ चीन ने रॉकेट दागे हैं। चीन युद्धभ्यास के द्वारा ताइवान पर दबाव डाल रहा है। चीन ने ताइवान की घेराबंदी शुरू कर दी है।
रूस भी चीन के पक्ष में खड़ा हुआ, क्या होगा महायुद्ध?
दुनिया महायुद्ध के मुहाने पर खड़ी है। एक चिंगारी बड़े युद्ध का कारण बन सकती है। क्योंकि अमेरिका ने जंगी जहाज के बेड़े भेज दिए हैं। उधर, रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 6 माह से भीषण जंग जारी है। चीन के ताइवान पर दबाव और अमेरिका के दखल के बारे में रूस भी चीन के पक्ष में खड़ा नजर आ रहा है। ऐसे में रूस यूक्रेन जंग की ही तरह यदि ताइवान के मामले में भी युद्ध छिड़ गया तो दोनों कड़ी मिलकर 'महायुद्ध' का कारण बनते देर नहीं लगेगी। वैसे भी रूस और यूक्रेन की जंग में यूक्रेन तबाह हुआ है तो रूस को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस जंग के बीच अब चीन और ताइवान की जंग की आहट ने दुनिया को डरा दिया है। दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं की कमर टूट गई है। चीन ने धमकियों के बाद मिसाइलें और फाइटर जेट उड़ाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं।
चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर
इस समय चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर है। जाहिर है हाल ही में अमेरिकी सांसद नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की थी। इसके बाद से ही चीन भड़का हुआ है। उसने पहले अमेरिका को धमकी दी थी। लेकिन वहां दाल नहीं गली तो ताइवान को निशाना बना रहा है। क्योंकि चीन की धमकियों से न अमेरिका डरा, न पेलोसी। नैंसी ने ताइवान का दौरा पूरा किया। इससे चीन बौखला उठा। धमकियों के बाद चीन अब एक अलग ही राह पर निकल पड़ा है।
चीन 26 साल बाद ऐसा असाधारण युद्धाभ्यास
चीनी मीडिया के अनुसार यह साधारण नहीं बल्कि बेहद अहम सैन्याभ्यास है। इसमें पारंपरिक मिसाइलें पहली बार ताइवान के ऊपर से गुजरेंगी। साथ ही पीएलए की सेनाएं ताइवान में 22 किलोमीटर अंदर तक दाखिल होंगी। ताइवान को चीनी आर्मी चारों ओर से घेरेंगी। पीएलए ताइवान पर पूरी तरह नियंत्रण करना चाहती है। चीन ने इसी तरह की मिलिट्री ड्रिल साल 1995 और 1996 में भी की थी। हालांकि आज स्थिति अलग है। पेलोसी की ताइवान में एंट्री से चीन की साख को बट्टा लगा है। ऐसे में वो अपनी साख बनाए रखने के लिए कोई असाधारण कदम भी उठा सकता है।
सैन्याभ्यास में खतरनाक मिसाइलें शामिल
चीन ने जे-20 फाइटर जेट, H-6K बॉम्बर, J-11 फाइटर जेट, टाइप 052D डेस्ट्रॉयर के साथ ही टाइप 056A कोर्वट और DF-11 शॉर्ट रेंज की बैलेस्टिक मिसाइलों को तैनात कर दिया है। इससे पहले अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट और DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी युद्धाभ्यास में शामिल किया गया है। जानकारी के अनुसार चीन की सेना रविवार तक ताइवान के एयरस्पेस को चारो तरफ से घेरेगी। चीन ने बुधवार को धमकाते हुए कहा कि वह एक-चीन नीति का उल्लंघन करने को लेकर अमेरिका और ताइवान के खिलाफ कठोर एवं प्रभावी जवाबी कदम उठाएगा। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि '"हम वही करेंगे जो हमने कहा है। कृपया थोड़ा धैर्य रखें।'