Highlights
- डोकलाम क्षेत्र का इस्तेमाल चीन भारत के खिलाफ करना चाहता है
- सैटेलाइट तस्वीरों से चीन के इस क्षेत्र में अवैध घरों के निर्माण का पता लगा
- डोकलाम क्षेत्र भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम
China News: डोकलाम में फिर चीन की गतिविधियां बढ़ी हैं। सैटेलाइट तस्वीरों से इस बात का खुलासा हुआ है। चीन की ऐसी नापाक हरकतों के बीच भारतीय सेनाध्यक्ष ने भूटान का दौरा किया है। दरअसल, भारत को घेरने के लिए चीन ऐसी नापाक हरकतें करता है। इसके लिए वह भारत के पड़ोसी देश भूटान की जमीन का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकता। एक बार फिर डोकलाम चीनी गतिविधियों के कारण विवादों में आया है। भारत-भूटान और चीन की सीमाओं से लगा यह इलाका हमेशा विवादों में रहा है। इसके विवादों में रहने की वजह चीन द्वारा घुसपैठ करना है।
दरअसल, डोकलाम क्षेत्र का इस्तेमाल चीन भारत के खिलाफ करना चाहता है। हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से पता चला है कि चीन इस क्षेत्र में अवैध रुप से घरों का निर्माण कर रहा है। इन तस्वीरों के सामने आने के बाद भारतीय थलसेना के चीफ जनरल मनोज पांडे भूटान के दौरे पर पहुंचे हैं। रणनीतिक तौर पर बेहद अहम माने जाने वाले डोकलाम क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधि और भारत-चीन के बीच सीमा विवाद के मद्देनजर जनरल मनोज पांडे का यह दौरा बेहद अहम है। हालांकि भारतीय सेनाध्यक्ष ने भूटान यात्रा पर बयान जारी कर भारत और भूटान दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती की बात कही है। उन्होंने भूटान की यात्रा के संदर्भ में कहा कि 'यह यात्रा दोनों देशों के शानदार और समय-समय पर खरे उतरने वाले द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाएगी, जिसमें अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ शामिल है।'
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से आया बयान
डोकलाम क्षेत्र में बने घर की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर बनाए हुए है और अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि डोकलाम की स्थिति के साथ-साथ इस क्षेत्र में चीनी गतिविधियों के मुद्दे को भी जनरल पांडे भूटानी समकक्ष के समक्ष रखने को अपनी गंभीरता भरे बातचीत के एजेंडे में रखा।
क्या है डोकलाम का विवाद
भूटान, चीन के साथ 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है। अब तक भूटान चीन के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए 24 दौर से ज्यादा की वार्ताएं कर चुका है। दरअसल, डोकलाम भले ही भूटान में स्थित है, लेकिन ये सामरिक स्थिति से काफी अहम इलाका है। चीन इस पर कब्जा करके भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए जाने वाली 'चिकन नेक' पर कब्जा कर सकता है। इस अंदेशे के चलते भारत पूरी तरह सतर्क रहता है। यही कारण है कि 2017 में डोकलाम में करीब 73 दिनों तक चीनी सेना के सामने भारतीय सैनिक डटे रहे थे। आखिर में चीन को हार मानकर अपने सैनिकों को पीछे हटाना पड़ा था। साल 2017 में डोकलाम त्रिकोणीय बिंदु पर भारत और चीन के बीच कुल 73 दिनों तक युद्ध की स्थिति बन गई थी। उस समय भूटान ने कहा था कि यह उसका क्षेत्र है और भारत ने भूटान के दावे को समर्थन किया था।