Highlights
- अमेरिका को चेतावनी देते हुए चीन कहा कि यदि पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया तो वह कड़े कदम उठाएगा।
- चीन ने कहा कि इस तरह की यात्रा बीजिंग-वॉशिंगटन के संबंधों को बुरी तरह से प्रभावित करेगी।
- चीन ने कहा कि पेलोसी की यात्रा से उत्पन्न होने वाले सभी परिणामों के लिए अमेरिका जिम्मेदार होगा।
बीजिंग: चीन ने गुरुवार को अमेरिका के समक्ष राजनयिक स्तर पर एक विरोध दर्ज कराया है। अमेरिका को सख्त चेतावनी देते हुए चीन कहा कि यदि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया तो वह कड़े कदम उठाएगा। चीन ने कहा कि इस तरह की यात्रा बीजिंग-वॉशिंगटन के संबंधों को बुरी तरह से प्रभावित करेगी। धमकी भरे स्वर में चीन ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि पेलोसी की यात्रा से उत्पन्न होने वाले सभी परिणामों के लिए अमेरिकी पक्ष जिम्मेदार होगा।
‘चीन पेलोसी की यात्रा का कड़ा विरोध करता है’
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पेलोसी की प्रस्तावित यात्रा के बारे में सवालों के जवाब देते हुए कहा, ‘चीन पेलोसी की यात्रा का कड़ा विरोध करता है और उसने इसे लेकर अमेरिका के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा फौरन रद्द की जाए। ताइवान के साथ आधिकारिक बातचीत रोकी जाए। यदि अमेरिका अपनी राह पर बढ़ता है तो चीन राष्ट्रीय संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कड़े कदम उठायेगा। इससे उत्पन्न होने वाले सभी परिणामों के लिए अमेरिकी पक्ष जिम्मेदार होगा। मैंने बस हमारा रुख स्पष्ट कर दिया है।’
रविवार को ताइवान जा सकती हैं नैंसी पेलोसी
बता दें कि चीन स्वशासित ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा होने का दावा करता है और उसने इसे अपने मुख्य भू-भाग में मिलाने का संकल्प ले रखा है। अमेरिका से प्राप्त खबरों के मुताबिक पेलोसी की जापान यात्रा के बाद रविवार को ताइवान का दौरा करने की योजना है। किसी उच्च पदस्थ अमेरिकी अधिकारी की यह 25 वर्षों में पहली ताइवान यात्रा होगी। वहीं, रविवार को अमेरिका-ताइवान संबंध अधिनियम की 43वीं वर्षगांठ भी है जो ताइवान की रक्षा करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। हालांकि, वॉशिंगटन एक-चीन नीति का अनुपालन करने के प्रति प्रतिबद्ध होने की बात कहता है।