Highlights
- सभी चीनी ऐप देश में काफी एक्टिव है
- डाटा चोरी के डर से अमेरिकी की सरकार जागरुक हो गई
- चीन के डाटा चोरी के प्रभावों को रोकने के लिए काम करेगा।
Data Theft: आज के जमाने डाटा सबसे किमती चीज हो गई है। दुनियाभर में डाटा चोरी का खेल काफी तेजी से चल रही है। आपको याद होगा कि फेसबुक के ऊपर भी डाटा चोरी करने का आरोप लग चुका है। वहीं अमेरिका, रूस और चीन हमेशा डाटा को लेकर भी आमने-सामने होते हैं। इसके वजह से चीन और अमेरिका के रिश्तों में तनाव भी हो गए हैं।
आज डाटा को 21वीं सदी की सबसे बड़ी दौलत बन चुकी है। अमेरिका डाटा चोरी न हो पाए इसका पूरा ध्यान रख रहा है। कई अमेरिकी विश्वविद्यालयों में आनुवंशिक शोधकर्ता वांग जियांग आज चीन में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी बायोटेक कंपनी बीजीआई के अध्यक्ष पद पर काबिज है। बीजीआई दशकों से अमेरिका के कुछ प्रमुख आनुवंशिकीविदों के साथ काम कर रहा है लेकिन जब कोरोना के मामले बढ़े तो वांग ने अमेरिका में टेस्टिंग के लिए बड़ी लैब बनाने की पेशकश की हालांकि अमेरिका डाटा चोरी के डर से उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
चीन के डीएनए में चोरी
नेशनल काउंटर इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर ने कड़ी चेतावनी जारी की, विदेशी ताकतें COVID परीक्षणों के माध्यम से बायोमेट्रिक जानकारी जुटाया करती है। तत्कालीन ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अमेरिकी काउंटर इंटेलिजेंस ऑफिसर बिल इवानिना ने तो यहां तक कह दिया था कि आधुनिक समय में लैब एक ट्रोजन हॉर्स यानी दुश्मनों से भरा लकड़ी का घोड़ा है। उन्होंने चीनी सरकार को बताया कि चीन के डीएनए में चोरी करना लिखा है।
चीन की पकड़ी गई चोरी
फेसबुक और शॉपिंग मोड जैसी अमेरिकी कंपनियां दुनियाभर में अपने यूजर्स के जरिए विज्ञापन से करोड़ो रूपये की कमाई कर रही है। कई नीति निर्माताओं का मानना है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला बन गया है। कई अमेरिकी साइबर एस्कपर्ट चीन पर आरोप लगाते हैं कि चीन अमेरिकी लोगों को प्रभावित करने के लिए कॉर्पोरेट डाटा की चोरी कर रहा है और अपने प्रभुत्व को हावी करने के लिए प्रौद्योगिकी के भविष्य की नींव रखने का काम कर रहा है।
अमेरिका कर रहा है तैयारी
डाटा चोरी के डर से अमेरिका की सरकार भी जागरुक हो गई है। बाइडेन कई सक्रिय चीनी कंपनियों पर निगरानी रखने के लिए समीक्षा की है। विशेषज्ञों का मनना है कि चीन अमेरिकी लोगों की जासूसी करके उनके पर्सनल लाइफ भी बर्बाद कर सकता है। वही सबसे मुख्य चिंता ये भी सता रही है कि सैन्य से जुड़े डाटा को कहीं चीन प्रभावित ना कर दें। बिडेन प्रशासन एक कार्यकारी आदेश को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहा है, जो चीन के डाटा चोरी के प्रभावों को रोकने के लिए काम करेगा।
आपको बता दें कि बिल इवानिना ने अगस्त 2021 में सीनेट सेलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस ने एक चौंकाने वाला दावा किया था। उन्होंने बताया था कि यह अनुमान लगाया गया कि सभी डाटा सहित अमेरिकी लोगों का लगभग 80 प्रतिशत व्यक्तिगत डाटा चीन के द्वारा चुराया जा सकता है। वहीं 20 फीसदी लोगों का ही निजी डाटा चोरी होता। उन्होंने कहा कि चीन हमारा डाटा बौद्धिक संपदा हर तरह से चुरा रहा है। वह जो कर रहा है वो आज से पहले कभी नहीं देखा गया।
इंडिया में भी चोरी करता है चीन
चीन भारत में लोन के नाम पर भारत के लोंगो का डाटा चोरी करता है। ये सभी चीनी ऐप देश में काफी एक्टिव है। इनमें सबसे अधिक लोन ऐप शामिल है। कस्टमर को तुरंत लोन दे दिया जाता है। इनके ऐप को डाउलोड करने के बाद जो कस्टमर सारी एक्सेस के परमिशन देते हैं तो उसके बाद उनके पर्सनल डाटा को चीन और हांगकांग में सर्वर पर डाउनलोड कर लेता है। इसके बाद फिर कस्टमर की मॉर्फ अश्लील फोटो के जरिए ब्लैकमेल किया करते हैं। इस तरह के ऐप अक्सर वेबसाइट और प्रचार के जरिए प्रमोट किए जाते हैं।