Friday, November 22, 2024
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दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीप पर 600 मीटर लंबी हवाई पट्टी बना रहा चीन, अंतरराष्ट्रीय हलचल तेज; भारत सतर्क

दक्षिण चीन सागर में चीन फिर दादागिरी दिखा रहा है। इस बार सैटेलाइट तस्वीरों से जो खुलासा हुआ है, उसने सबके होश उड़ा दिए हैं। दरअसल चीन दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीप पर हवाई पट्टी का निर्माण करने में जुटा है। इसकी लंबाई 600 मीटर से अधिक बताई जा रही है। रिपोर्ट ने दुनिया के तमाम देशों में खलबली मचा दी है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: August 16, 2023 20:40 IST
चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में किया जा रहा संदिग्ध रनवे का निर्माण।- India TV Hindi
Image Source : AP चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में किया जा रहा संदिग्ध रनवे का निर्माण।

अराजकता की आदतों से मजबूर चीन ने दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीप पर हवाई पट्टी का निर्माण शुरू कर दिया है। इससे कई देशों में खलबली मच गई है। रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद और सैटेलाइट तस्वीरें सामने आने पर भारत भी सतर्क हो गया है। अमेरिका चीन की हर हरकतों पर नजर रख रहा है। उपग्रह तस्वीरों में चीन दक्षिण चीन सागर के एक विवादित द्वीप पर हवाई पट्टी का निर्माण करता दिखाई दे रहा है। इस द्वीप पर वियतनाम और ताइवान भी दावा करते हैं। ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ ने उपग्रह तस्वीरों का विश्लेषण किया है। पारासेल द्वीपसमूह के ट्राइटन द्वीप पर यह निर्माण कार्य किया जा रहा है।

इससे पहले चीन ने स्प्रैटली द्वीपसमूह के सात मानव निर्मित द्वीपों पर निर्माण किया जहां हवाई पट्टियों, जहाजों के ठहरने के लिए गोदी और सैन्य प्रणालियों की व्यवस्था है। दूसरे देशों के दावों को खारिज करते हुए चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताता है। ‘एपी’ द्वारा विश्लेषण के अनुसार प्लैनेट लैब्स पीबीसी की उपग्रह तस्वीरों में हवाई पट्टी पर निर्माण पहली बार अगस्त की शुरुआत में दिखाई देता है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रनवे 600 मीटर से अधिक लंबा होगा, जिस पर टर्बोप्रॉप विमान और ड्रोन आसानी से उतर सकते हैं। हालांकि, लड़ाकू या बमवर्षक विमानों का यहां से परिचालन नहीं हो सकेगा।

द्वीप के पास बड़ी संख्या में वाहनों की तस्वीर

द्वीप के अधिकांश हिस्से में बड़ी संख्या में वाहनों के निर्माण के लिए रास्ते भी दिखाई दे रहे हैं। साथ ही कंटेनर और निर्माण उपकरण भी दिखे हैं। ट्राइटन पारासेल द्वीपसमूह के प्रमुख द्वीपों में से एक है, जो वियतनाम के तट और चीन के द्वीपीय प्रांत हैनान से लगभग समान दूरी पर है। अमेरिका ने चीन के दावे पर कोई रुख नहीं अपनाया है, लेकिन वह चीनी कब्जे वाले द्वीपों के पास ‘‘नौवहन संचालन की स्वतंत्रता’’ के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए नियमित रूप से अपनी नौसेना के जहाज भेजता है। 2018 में अमेरिका के एक मिशन के केंद्र में ट्राइटन था। द्वीप पर चीन के एक हेलीपैड और रडार प्रणाली के साथ एक छोटा बंदरगाह और इमारतें हैं। द्वीप पर दो बड़े मैदानों पर चीनी ध्वज लगा हुआ है।

हवाई पट्टी निर्माण पर बोला चीन

चीन का कहना है कि निर्माण का उद्देश्य वैश्विक नौवहन सुरक्षा में मदद करना है। उसने अपने द्वीप निर्माण कार्य के संबंध में और विवरण देने से इनकार कर दिया है। चीन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है कि वह महत्वपूर्ण जलमार्ग का सैन्यीकरण कर रहा है, जिसके माध्यम से सालाना करीब पांच ट्रिलियन डॉलर का व्यापार होता है। चीन का कहना है कि उसे अपने संप्रभु क्षेत्र में जो चाहे करने का अधिकार है। चीन ने 1974 में एक संक्षिप्त नौसैनिक संघर्ष में वियतनाम से पारासेल द्वीपसमूह का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। (एपी)

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