China on Sri Lanka: चीन गरीब देशों को कर्ज के जाल में फंसाकर अपना उल्लू सीधा करना चाहता है। अफ्रीकी देशों से लेकर गरीब एशियाई देशों को पहले वह कर्ज का लालच देता है, फिर उन पर 'दादागीरी' करता है। चीन ने ऐसी ही नीति भारत के पड़ोसी देशों के साथ भी अपना रखी है। चाहे नेपाल हो, पाकिस्तान या बांग्लादेश हो या श्रीलंका, सभी को कर्ज के जाल में चीन फंसाकर भारत के खिलाफ इनका उपयोग करना चाहता है। श्रीलंका का इंबनटोटा बंदरगाह ऐसा ही एक उदाहरण है, जिस पर चीन अपने अधिकार का उपयोग करता है। इन सबके बीच एक बार फिर कर्ज में फंसे श्रीलंका को चीन ने कर्ज का प्रलोभन दिया है। ऐसे समय में जबकि आईएमएफ श्रीलंका को कर्ज देने या राहत पैकेज देने के मामले पर समीक्षा करेगा, चीन ने पहले ही श्रीलंका को कर्ज का लॉलीपॉप देने का भरोसा दिया है।
श्रीलंका के सबसे बड़े द्विपक्षीय ऋणदाता चीन ने द्वीप राष्ट्र को ऋण चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद का आश्वासन दिया है। चीन ने यह आश्वासन ऐसे समय में दिया है, जब देश को सितंबर तक अपने बाहरी और घरेलू ऋण पुनर्गठन को अंतिम रूप देना है। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) इस साल मार्च में दिए गए 2.9 अरब डॉलर के राहत पैकेज की पहली समीक्षा करेगा। आईएमएफ 11-19 सितंबर को यह समीक्षा करेगा।
श्रीलंका को करेंगे मदद, चीन ने दिया आश्वासन
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के विदेश मंत्री व विदेश मामलों से जुड़े आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग यी ने सातवें चीन-दक्षिण एशियाई एक्सपो के मौके पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवरधन से मुलाकात करने वाली केंद्रीय समिति को आश्वासन दिया कि वे देश को उसकी ऋण संबंधी चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करेंगे।
हमारा रणनीतिक साझेदार है श्रीलंका: चीनी विदेश मंत्रालय
विज्ञप्ति में वांग के हवाले से कहा गया, ‘चीन हमेशा से श्रीलंका का विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार रहा है। वह इस बात की सराहना करता है कि श्रीलंका हमेशा चीन के प्रति मित्रवत रहा है और अपने मूल हितों से संबंधित मुद्दों पर चीन के साथ खड़ा रहा है।’ श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार काफी कम होने के बाद द्वीपीय देश अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश में जनता पिछले साल ईंधन, उर्वरक के साथ-साथ अन्य जरूरी वस्तुओं की कमी होने के कारण सड़कों पर उतर आई थी। भाषा