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गलवान घाटी में इस इरादे से की थी चीन ने घुसैपठ, जिनपिंग की साजिश का बड़ा अंतरराष्ट्रीय खुलासा

Big Disclosure on Chinese Infiltrators in Galvan Valley:जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ और भारतीय जवानों से भिड़ंत अचानक और यूं ही नहीं थी, बल्कि इसके पीछे चीन की बड़ी साजिश थी। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक खुफिया अध्ययन से सामने आई रिपोर्ट ने सबकी नींद उड़ा दी है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Nov 12, 2022 9:11 IST, Updated : Nov 13, 2022 14:42 IST
पीएम मोदी और शी जिनपिंग (फाइल फोटो)
Image Source : AP पीएम मोदी और शी जिनपिंग (फाइल फोटो)

Big Disclosure on Chinese Infiltrators in Galvan Valley:जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ और भारतीय जवानों से भिड़ंत अचानक और यूं ही नहीं थी, बल्कि इसके पीछे चीन की बड़ी साजिश थी। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक खुफिया अध्ययन से सामने आई रिपोर्ट ने सबकी नींद उड़ा दी है। अब तक गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को अचानक दोनों देशों के सैनिकों का आमना-सामना होने के दौरान हुई तू-तू, मैं-मैं का नतीजा माना जा रहा था। मगर अब अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की अध्ययन रिपोर्ट ने चीन की साजिश का भंडाफोड़ कर दिया है। भारतीय सैनिकों ने अपनी शहादत देकर भारत मां का आंचल बचा लिया, अन्यथा चीन का इरादा भारत के कई बड़े भूभागों पर कब्जा करने का था।

भारत के इस भूभाग पर कब्जे के इरादे से घुसा था चीन

गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ अकारण नहीं थी। अंतरराष्ट्रीय अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार आक्साई चिन क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ सभी विवादित क्षेत्रों पर पूर्ण कब्जे की नीयत से की गई थी। इसके लिए पूरी प्लानिंग से चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि शी जिनपिंग विवादित सीमा क्षेत्र पर स्थायी नियंत्रण हासिल करना चाह रहे थे। उनका इरादा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के सभी विवादित क्षेत्रों पर चीन का कब्जा जमाना था। मगर भारतीय सैनिकों ने चीन को उल्टे पांव लौटने पर मजबूर कर दिया।

20 भारतीय सैनिक हो गए थे शहीद
गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। हालांकि भारतीय सेना के अनुसार चीन के भी करीब 50 सैनिक इस झड़प में मारे गए थे। मगर चीन ने इसका खुलासा नहीं किया था। अगर चीन को भारतीय सैनिकों ने सबक नहीं सिखाया होता तो वह भारत के कई बड़े भूभागों पर कब्जा कर चुके होते।

15 वर्षों से चीन कर रहा कब्जे का प्रयास
खुफिया अध्ययनों के मुताबिक चीन की यह साजिश एक-दो वर्षों की प्लानिंग का नतीजा नहीं थी, बल्कि इसके लिए वह करीब 15 वर्षों से प्रयासरत है। चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सभी विवादित क्षेत्रों पर कब्जा जमाना चाहता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसके लिए चीनी सैनिक वर्ष में सात से आठ बार भारतीय सीमा में घुसपैठ करते हैं। हालांकि भारत की रिपोर्ट के अनुसार चीनी सैनिक इससे ज्यादा बार घुसपैठ का प्रयास करते हैं। मगर भारतीय सेना की चौकसी के चलते वह अब तक सफल नहीं हो पाए हैं।

2020 में हर हाल में भारतीय भूभागों पर कब्जा चाह रहा था चीन
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सेना जून 2020 में नियंत्रण रेखा से लगे सभी विवादित क्षेत्रों पर कब्जा चाह रही थी। अध्यय़नों में इस तरह के कम से कम 13 स्थान बताए गए हैं, जहां चीन पूरी तरह से अपना कब्जा जमाने के इरादे से घुसा था। इसके लिए शी जिनपिंग ने युद्ध की भी पूरी तैयारी कर ली थी। चीन के पैदल सैनिकों के अलावा युद्धक वाहन भी सीमा तक भारी संख्या में पहुंच चुके थे। चीन बल पूर्वक विवादित क्षेत्रों को अपने देश में मिलाना चाह रहा था।

भारत के अहम भूभागों पर कब्जा कर मोदी को फेलियर करना था मकसद
चीन का इरादा नियंत्रण रेखा के पास सभी विवादित भूभागों पर कब्जा करके पीएम मोदी को देश और विदेश में फेलियर साबित करना था। ताकि इससे पाकिस्तान को भी मजबूती मिल सके और भारत में अंदर ही अंदर इससे गृहयुद्ध मच सके। चीन को पता था कि अगर वह कब्जे में कामयाब हो गया तो भारत में पीएम मोदी का भारी विरोध होगा और लोग उन्हें सत्ता से बेदखल कर देंगे। फिर इसका फायदा जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान को भी मिलेगा। इसके बाद वह पाकिस्तान की मदद कश्मीर पर कब्जा जमवाने के लिए करता। मगर भारतीय सैनिकों ने शी जिनपिंग की चाल को चौपट कर दिया।

युद्ध चाह रहा था चीन
आशंका यह भी व्यक्त की गई है कि चीन विवादित क्षेत्रों पर बलपूर्वक कब्जा जमाने के इरादे से पूरी तैयारी के साथ आया था। इसके लिए वह भारत से युद्ध करने को भी उतारू था। मगर पीएम मोदी के इरादों और भारतीय सैनिकों के जज्बे को देखकर चीन पीछे हट गया। पहले चीन को लगा था कि वह भारत के कुछ भूभागों पर कब्जा करके पीएम मोदी पर दबाव बनाने में कामयाब हो जाएगा। इससे पीएम मोदी अपने ही देश में घिर जाएंगे। फिर चीन अपनी चाल को पूरी तरह कामयाब कर लेगा। मगर इस घटना के बाद पीएम मोदी के निर्देश पर भारतीय सेना ने भी युद्ध की पूरी तैयारी कर ली। भारी संख्या में एलएलसी पर भारतीय सैनिकों का जमावड़ा हो गया। इससे चीन की योजना फेल हो गई।

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