अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। इस बात को भारत ने कई बार चीन को समझाया है लेकिन चीन मानने को तैयार नहीं है। इसी बीच अमेरिका ने भी इस मामले पर भारत का साथ देते हुए अरुणाचल को भारत का हिस्सा माना है। ऐसे में चीन को अमेरिका का ये रुख पसंद नहीं आया है और उसने अमेरिका की आलोचना की है। चीन ने अमेरिका पर उकसाने का आरोप लगाया है और कहा है कि विवाद भड़काने का अमेरिका का इतिहास रहा है।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिका ने बीते 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर भारत का साथ दिया था। अमेरिकी विदेश विभाग के मुख्य उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है। पटेल ने कहा था कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएएसी) पर सैन्य या असैन्य घुसपैठ या अतिक्रमण के माध्यम से क्षेत्रीय दावे करने के किसी भी एकपक्षीय प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं।
चीन ने क्या कहा?
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने आरोप लगाया है कि अपने लाभ के लिए दो देशों के बीच विवाद भड़काने का अमेरिका का इतिहास रहा है। वू कियान ने कहा कि सीमा मुद्दों पर चीन और भारत के बीच परिपक्व तंत्र और संवाद चैनल हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के पास बातचीत और परामर्श के जरिए सीमा मुद्दे को ठीक से संभालने की क्षमता और इच्छा है। वू ने फिर विवादित बयान देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है।
अरुणाचल प्रदेश भारत का था, है और हमेशा रहेगा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने गुरुवार को साफ शब्दों में कहा कि अरुणाचल प्रदेश के मामले पर हमारा रुख अनेक बार बहुत स्पष्ट किया जा चुका है। हाल ही में हमने इस संबंध में एक बयान भी जारी किया है। चीन चाहे जितना अपने ‘निराधार दावे’ दोहराए लेकिन इससे हमारा रूख बदलने वाला नहीं है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। (इनपुट: भाषा)
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