Highlights
- 1 किलो तरबूज के बदले माने जाएंगे 20 युआन
- किसानों को नए घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना मकसद
- चीन में घरेलू कर्ज 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के भी पार हो चुका है
China: चीन के बाजारों में गहरी मंदी छाई हुई है। जिसका असर वहां के हर व्यापारिक क्षेत्र पर देखने को मिल रहा है। यहां के रियल एस्टेट कारोबार पर मंदी का भयानक असर हुआ है। लोग प्रोपर्टी में निवेश करने से घबरा रहे हैं। रियल एस्टेट की कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के तमाम उपाय कर रही हैं, लेकिन ग्राहक आकर्षित नहीं हो रहे हैं।
चीन की ही एक रियल एस्टेट कंपनी ने ग्राहकों से पेमेंट के रूप में तरबूज ले रहे हैं। चीनी के तीसरे और चौथे लेवल के शहरों में रियल एस्टेट डेवलपर्स ने हाल ही में विभिन्न प्रचार अभियान शुरू किए हैं। जिनमें घर खरीदारों को गेहूं और लहसुन के रूप में डाउन पेमेंट करने का ऑप्शन रखा है। जिसके पीछे किसानों को नए बने घर को खरीदने के लिए आकर्षित किया जा सके।
एक किलो तरबूज के बदले 20 युआन
ग्लोबल टाइम्स की एक खबर के अनुसार, एक किलो तरबूज के को 20 युआन के समान माना गया है। जिसका भारतीय रुपए के हिसाब से अगर कोई तरबूज 3 किलो का होता है तो उसके वे लगभग 700 रुपए होंगे। कंपनी ने अपने प्रचार अभियान में बताया है कि किसान नए घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट के रूप में तरबूज, लहसुन और गेंहूं का उपयोग करें। जिससे किसानों को भी लाभ मिल सके।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 8 जून से 15 जुलाई तक शुरू होने वाले प्रचार कार्यक्रम के लिए एक पोस्टर में लिखा है, घर खरीदारों को 5,000 किलोग्राम तरबूज का अधिकतम भुगतान करने की अनुमति मिलेगी। जिसका मूल्य 100,000 युआन है. प्रचार का उद्देश्य स्थानीय तरबूज किसानों का समर्थन करना है। हालांकि मीडिया में कह्ब्रें आने के बाद कंपनी ने इस प्रचार अभियान को बंद कर दिया है।
कंपनी ने बंद किया प्रचार
कंपनी के एक अधिकारी के बयान के अनुसार, "हमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सभी प्रचार पोस्टर हटाने के लिए कहा गया है। अब हमें प्रचार के लिए अन्यअभियानों को तैयार करने के लिए कहा गया है।
आपको बता दें कि चीन में घरेलू कर्ज 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के भी पार चला गया है। चीन की बैंको के आंकड़े के अनुसार, बैंकों के द्वारा दिए गए कर्जों में 27% हिस्सा घर आदि अचल संपत्तियों से जुड़ा हुआ है। चीन में रियल एस्टेट कारोबार को सबसे बड़े रोजगार और फायदे देने वाले के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अब यह सबसे नुकसानदेह कारोबार में से एक बनता जा रहा है।