Abdul Rehman Makki Declared Global Terrorist: भारत में मुंबई हमले का मास्टर माइंड और पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद का बहनोई अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उसे ग्लोबल आतंकियों की लिस्ट में डाल दिया है। इससे पाकिस्तान में खबलबली मच गई है। खास बात है कि इस बार पाकिस्तान की मदद करने से चीन ने भी अपना हाथ पीछे खींच लिया। यानि चीन ने इस बार अपना वीटो पॉवर नहीं लगाया। जबकि इससे पहले चीन मक्की को ग्लोबल आतंकवादी घोषित होने से एक बार बचा चुका है। मगर भारत ने जिस प्रकार पिछले एक-दो वर्षों में चीन को आतंकवाद पर दोहरा रवैया अपनाने पूरी दुनिया के सामने खुलकर जलील किया था, वह दबाव इस बार चीन पर साफ नजर आया। लिहाजा शी जिनपिंग चाहकर भी अपने दोस्त पाकिस्तान की मदद नहीं कर सके।
अमेरिका और भारत पहले ही मक्की को घोषित कर चुके थे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी
अमेरिका और भारत ने पहले ही हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। मगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन ने वीटो लगाकर उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इस बार चीन बार-बार पाकिस्तान के आतंकियों को बचा रहा था। मगर इस बार ड्रैगन भी दबाव में नजर आया। लिहाजा अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया गया।
दुनिया के सामने पाकिस्तान के आतंक पर फिर लगी मुहर
भारत शुरू से ही पाकिस्तान को आतंकियों का गढ़ बताता रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस कार्रवाई से एक बार फिर पाकिस्तान के आतंक पर वैश्विक मुहर लग गई है। साथ ही भारत के आरोप को दुनिया अब सच मानने पर मजबूर हुई है। अब्दुल रहमान मक्की का अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित होना भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। क्योंकि जून 2022 में भारत और अमेरिका ने मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषत करने का प्रस्ताव दिया था। मगर चीन ने वीटो लगाकर प्रस्ताव पर पानी फेर दिया था। इसके बाद भारत ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसके लिए चीन को जमकर जलील किया था। इसके चलते इस बार चीन पाकिस्तान की मदद नहीं कर पाया।
कौन है मक्की?
अब्दुल रहमान मक्की खूंखार आतंकी हाफिज सईद का बहनोई है। वह लश्कर-ए-तैयबा यानि जमात-उत-दावा का पॉलिटिकल विंग कमांडर है। वह लश्कर-ए-तैयबा के अंतरराष्ट्रीय मामलों का भी प्रमुख है। यह भारत के जम्मू-कश्मीर में समेत देश के कई हिस्सों में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। आतंकियों को अपने कैंप में भर्ती करना और उन्हें ट्रेंड करने के साथ टेरर फंडिंग इसका मुख्य पेशा है। वर्ष 2000 में दिल्ली के लाल किले और 2008 में रामपुर कैंप पर हुए आतंकी हमले में इसी का हाथ था। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका था।