Highlights
- चीन ने रोबोट डॉग बनाया
- 80 राउंड फायर करने में सक्षम
- ड्रोन के जरिए भरता है उड़ान
China Dog Robots: चीन का डॉग रोबोट इन दिनों सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बना हुआ है। इस रोबोट पर एक मशीन गन भी लगी हुई है। जिसे देखने पर ऐसा लगता है कि मानो यह कोई साइंस फिक्शन फिल्म हो। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। लेकिन ये साफ नहीं हो पाया है कि इसे चीनी सेना के सैन्य अभ्यास के दौरान रिकॉर्ड किया गया है या फिर ये दिखाने के लिए किया गया है कि ड्रोन और रोबोट साथ में किस तरह काम करते हैं। हालांकि वीडियो को देखने के बाद ऐसा लगता है कि भविष्य की लड़ाई इंसानों के द्वारा नहीं बल्कि मशीनों के द्वारा लड़ी जाएगी।
एक मिनट के इस वीडियो को चीनी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म वीबो पर 3 अक्टूबर को पोस्ट किया गया था। शुरुआत में ड्रोन का शॉट दिखाई देता है। जिसके जरिए डॉग रोबोट उड़ान भरता है। ये रोबोट उसके ठीक नीचे लगा है। जो एक खाली इमारत की छत तक जाता है। इसके ठीक बाद रोबोट डॉग नीचे आता है। इसके साथ ही वह आसपास के इलाके में नेविगेट करना शुरू कर देता है। इस रोबोट डॉग पर एक चीनी QBB-97 लाइट मशीन गन भी लगाई गई है।
सीढ़ियां भी चढ़ सकता है रोबोट डॉग
वीडियो को वीबो पर एक वेरिफाइड अकाउंट 'केस्ट्रल डिफेंस ब्लड-विंग' से पोस्ट किया गया है। इस अकाउंट के बारे में काफी कम ही जानकारी प्राप्त है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह अकाउंट सीधे केस्ट्रल डिफेंस कंपनी से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसमें ब्लड विंग का क्या मतलब है, ये बात समझ में नहीं आई है। ड्रोन और रोबोट की इस जोड़ी का इस्तेमाल शहरी इलाकों में हमले करने के लिए किया जा सकता है। इस रोबोट डॉग में इमारत की सीढ़ियां चढ़ने की भी क्षमता है।
एक बार में 80 बुलेट हो सकती हैं फायर
ऐसा कहा जा कहा है कि वीडियो में दिखाई दे रहा ड्रोन 'रेड विंग फॉरवर्ड हैवी ड्यूटी ड्रोन' है। हालांकि ये पूरा सिस्टम किस तरह से काम करता है, इसके लिए कितने लोगों की जरूरत है, या फिर इससे हमला करने की तकनीक क्या है, इन सबकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। रोबोट डॉग पर लगी बंदूक की बात करें, तो इसका इस्तेमाल चीनी सेना करती है। वीडियो में एक ड्रम मशीन को बंदूक के साथ देखा जा सकता है, जो एक बार में 80 राउंड फायर करती है। इसी तरह का रोबोट डॉग चीन में इससे पहले कोरोना वायरस महामारी के दौरान देखा गया था। जिसमें स्पीकर लगे थे और उसके जरिए लोगों से घरों से भीतर रहने को कहा जा रहा था।