China-Bhutan : चीन ने भूटान के साथ सीमा विवाद पर चर्चा की है। यह चीन ही था जिसने भारत, चीन और भूटान तीनों देशों के जंक्शन डोकलाम के पास सड़क बनाने की कोशिश की थी। तब भूटान के लिए भारत ने 73 दिनों तक चीन की सेनाओं को रोककर रखा था। इसके बाद चीन की सेनाएं पीछे हट गई थीं। अब चीन और भूटान के बीच जो सीमा विवाद के लिए चर्चा हुई है, उस पर भारत की करीबी नजर है।
चीन और भूटान अपने सीमा विवाद को हल करने के लिए ‘तीन स्तरीय रोडमैप’ लागू करने में तेजी लाने पर सहमत हुए हैं। चीन ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि बीजिंग में 21 से 24 अगस्त तक चीन-भूटान सीमा मुद्दों पर विशेषज्ञ समूह की 13वीं बैठक हुई। भूटान और चीन ने अक्टूबर 2021 में अपने सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत में तेजी लाने के वास्ते ‘तीन स्तरीय रोडमैप’ पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
डोकलाम पर 73 दिनों तक बना रहा था गतिरोध
उस समझौते पर हस्ताक्षर से करीब चार साल पहले भारत और चीन की सेनाओं के बीच ‘डोकलाम त्रिकोणीय जंक्शन’ पर 73 दिन तक गतिरोध बना रहा था जब चीन ने उस इलाके में एक सड़क बनाने की कोशिश की थी जिस पर भूटान अपना दावा जताता है। सीमा विवाद के संबंध में भूटान और चीन के बीच बातचीत पर भारत करीबी नजर बनाए हुए है क्योंकि इसका असर भारत के सुरक्षा हितों खासतौर से ‘डोकलाम त्रिकोणीय जंक्शन’ पर पड़ सकता है।
क्या है डोकलाम विवाद
करीब 6 साल पहले भारत और भूटान के साथ सीमा विवाद पर चीन ने नया दांव खेला। उसने नया नक्शा जारी किया, जिसमें भारत एवं गतिरोध वाले क्षेत्र पर खुद का दावा किया। मानचित्र में दावा किया गया कि भारतीय सेना डोकाला पास के समीप उसकी सीमा पर तैनात है। डोकलाम के आसपास के तमाम इलाकों पर चीन का अधिकार है जबकि भूटान इसे अपना भू-भाग मानता है। ये भारत, तिब्बत और भूटान के त्रिकोणीय जंक्शन पर स्थित है। नाथु ला पास के करीब है। भारत के लिए ये सामरिक महत्व का स्थान है। क्योंकि यह जगह सिलीगुड़ी से महज़ 30 किलोमीटर की दूरी पर है। जब डोकलाम में चीन की सेना सड़क बनाने के लिए आई तो भारत ने विरोध किया। इसके बाद 73 दिनों तक दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने डटी रहीं। इसके बाद चीन की सेना पीछे हटकर वापस चली गई।