
बीजिंग/मदुरै: दुनिया में वर्ल्ड ऑर्डर चेंज होते ही चीन का झुकाव भारत की ओर बढ़ता ही जा रहा है। जबकि अभी तक जून 2020 में गलवान घाटी हिंसा के बाद से बीजिंग भारत के प्रति कड़ा रुख अपनाए हुए था। मगर अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप की वापसी, अमेरिकी-रूस में बढ़ती नजदीकी, पीएम मोदी के ट्रंप और पुतिन से मजबूत रिश्ते जैसे तमाम कारकों ने वर्ल्ड ऑर्डर को बदल कर रख दिया है। ऐसे में अब चीन को भारत के साथ संबंध बना कर रखने में ही भलाई दिख रही है। इसलिए चीन अब भारत से दोस्ती को बेताब हो रहा है। ऐसे में सीपीसी ने बीजिंग को भारत से संबंध सुधारने के लिए कहा है।
इसके अलावा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को भी इस बाबत संदेश भेजा है। इसमें सीपीसी ने कहा है कि भारत-चीन संबंधों में सुधार दोनों देशों और क्षेत्र के हित में है। सीपीसी ने इसी के साथ मदुरै में आयोजित माकपा के सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं दी हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा साझा किए गए एक दस्तावेज के अनुसार, दुनिया भर की 34 वामपंथी पार्टियों ने उसे 24वीं पार्टी कांग्रेस (सम्मेलन) की सफलता के लिए शुभकामना संदेश भेजे हैं। सीपीसी के अलावा़, कोरिया की वर्कर्स पार्टी, वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी, क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी, ऑस्ट्रेलिया की कम्युनिस्ट पार्टी, बेल्जियम की वर्कर्स पार्टी, फलस्तीनी पीपुल्स पार्टी और अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी की कम्युनिस्ट पार्टियों ने भी माकपा को शुभकामना संदेश भेजे हैं।
सीपीसी ने क्या दिया संदेश
चीन की सीपीसी ने अपने संदेश में कहा कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में, चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और क्षेत्र के साझा हित में है। उसने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य और विश्व व्यवस्था अब परिवर्तन के एक नए दौर में है। चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और क्षेत्र के साझा हितों को पूरा करता है।’’ सीपीसी ने दोनों दलों के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान को रेखांकित करते हुए कहा कि वह चीन-भारत संबंधों की निरंतर प्रगति तथा क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए माकपा और अन्य भारतीय राजनीतिक दलों के साथ आदान-प्रदान और रणनीतिक संवाद को मजबूत करने तथा पार्टी और राज्य शासन के अनुभव को साझा करने के लिए तैयार है।
माकपा ने कहा-बहुध्रुवीय व्यवस्था में भारत होगा मजबूत
माकपा के अंतरिम समन्वयक प्रकाश करात ने हाल ही एक साक्षात्कार में गठबंधन सहयोगी बने बिना चीन के साथ संबंध सुधारने की वकालत करते हुए कहा था कि इससे बहुध्रुवीय विश्व में भारत की स्थिति में सुधार होगा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति काल के दौरान आने वाली चुनौतियों में संतुलन स्थापित होगा। पाकिस्तान की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीपी) ने कहा कि उसका दृढ़ मत है कि पाकिस्तान को अपने सभी पड़ोसियों, विशेषकर भारत के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए। सीपीपी ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान की कम्युनिस्ट पार्टी हमेशा खुद को भारतीय उपमहाद्वीप के कम्युनिस्ट आंदोलन का हिस्सा मानते हैं और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को अपनी मातृ पार्टी मानते हैं। विभाजन के बावजूद हम वैचारिक रूप से जुड़े रहे और पाकिस्तान में सबसे कठिन परिस्थितियों में भी अपना संघर्ष जारी रखा। (भाषा)