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चीन में खाने-पीने के लिए तरस रहे करोड़ों लोग, कोरोना के चलते सख्‍त लॉकडाउन लागू

प्रशासन ने कोरोना लॉकडाउन घोषित किया है, जिसके बाद 2 करोड़ 60 लाख की आबादी घरों में कैद हो गई। चीन सरकार ने सभी सुपर मार्केट पर ताला लगा दिया है। लोगों के बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 08, 2022 13:33 IST
A nurse takes swab samples in the new rounds of Covid-19 testing in Nanjing in eastern China's Jiang- India TV Hindi
Image Source : AP FILE PHOTO A nurse takes swab samples in the new rounds of Covid-19 testing in Nanjing in eastern China's Jiangsu province. 

Highlights

  • चीन के शंघाई में कोरोना से बुरे हालात
  • सख्‍त लॉकडाउन अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाया गया
  • शंघाई में शुरू हुआ सामूहिक टेस्ट

China Shanghai Coronavirus Strict Lockdown: स्वास्थ्य सुविधाओं का डंका बजाने वाला चीन इस वक्त कोरोना की नई लहर से जूझ रहा है। चीन के सर्वाधिक आबादी वाले शहरों में एक शंघाई शहर में कोरोना से हालात बेकाबू हो रहे हैं। प्रशासन ने कोरोना लॉकडाउन घोषित किया है, जिसके बाद 2 करोड़ 60 लाख की आबादी घरों में कैद हो गई। चीन सरकार ने सभी सुपर मार्केट पर ताला लगा दिया है। लोगों के बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई में गुरुवार को भी लगभग 20,000 मामले दर्ज किए गए, जो एक और रिकॉर्ड है।

शंघाई शहर में लोग खाने-पीने तक के लिए तरस रहे

चीन में कोरोना के बेकाबू हो जाने के कारण कई इलाकों में सख्‍त लॉकडाउन (Corona Lockdown) लगाना पड़ा है, यहां सबसे अधिक आबादी वाले शंघाई शहर में लोग खाने-पीने तक के लिए तरस रहे हैं। 'जीरो-कोविड पॉलिसी' के तहत लगाए गए सख्त लॉकडाउन के चलते लोग मीट और चावल जैसी खाने-पीने की चीजों के अभाव से जूझ रहे हैं। शंघाई शहर में सुपर मार्केट बंद होने से लोग खाने-पीने के सामान के लिए तरस रहे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चीन के वित्तीय केंद्र शंघाई के लोग बुधवार के दिन खाने-पीने के सामान  के लिए संघर्ष करते दिखाई दिए। 

शंघाई में शुरू हुआ सामूहिक टेस्ट

दरअसल, सरकारी प्रशासन का कहना है कि जब तक शहर के सभी लोगों के सैंपल जमा नहीं हो जाते और उनकी जांच नहीं हो जाती, तब तक इसी तरह की पाबंदी रहेगी। इससे पहले भी शहर पर पाबंदी लगाई गई थी। हालांकि, सरकार के इस कदम की आलोचना हो रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पॉजिटिव टेस्ट करने वाले शंघाई निवासी अपने घरों में खुद को आइसोलेट नहीं कर सकते, भले ही उनके लक्षण हल्के हों। शहर ने हर मामले की पहचान करने और उसे आइसोलेट करने के लिए बुधवार को अनिवार्य सामूहिक टेस्ट का एक और दौर शुरू किया।

लॉकडाउन को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाया

फिर जैसे ही वायरस फैला, अधिकारियों ने पिछले हफ्ते एक चौंका देने वाला लॉकडाउन लागू किया, जहां शहर दो हिस्सों में विभाजित हो गया और आधे में कुछ और, और आधे के अलग-अलग उपाय थे। सोमवार को ढाई करोड़ की आबादी वाले पूरे शहर को कवर करने के लिए लॉकडाउन को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया। 

बच्चों की कस्टडी घरवालों को मिली

हाल के दिनों में शंघाई शहर में कोरोना संक्रमित बच्चे को मां-बाप से अलग क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जा रहा था, यहां तक कि उस सेंटर की जानकारी भी मां-बाप को नहीं दी जा रही थी। लेकिन अभी प्रशासन ने इस मामले में थोड़ी ढील देते हुए बच्चों को मां-बाप के साथ रहने की परमिशन दे दी है। गौरतलब है कि, शंघाई शहर में 5 अप्रेल को 16,766 नए कोरोना केस सामने आए थे। इससे पहले 4 अप्रैल को 13086 कोरोना के केस सामने आए थे। शंघाई में कोरोना वायरस संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए संघर्ष कर रहे चीन ने देशभर से 15,000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया है। इनमें 2,000 से अधिक सैन्य चिकित्साकर्मी भी शामिल हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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