Highlights
- चीन की लैब से वायरस निकलने की आशंका
- सीफूड बाजार से फैलनी शुरू हुई थी महामारी
- दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने इसपर की स्टडी
China Coronavirus: कोरोना वायरस महामारी से अब भी दुनिया पूरी तरह नहीं उबरी है। लेकिन ऐसा जरूर लगता है कि लोग कोविड लैब लीक थ्योरी भूल गए हैं। इस मामले में सिडनी विश्वविद्यालय के एडवर्ड सी होम्स ने कहा कि मैंने और मेरे साथियों ने पिछले महीने साइंस जर्नल में कोविड-19 महामारी की शुरुआती घटनाओं का सबसे विस्तृत अध्ययन प्रकाशित किया है। साथ में, ये कागजात 2019 के उत्तरार्ध के दौरान वुहान शहर में हुई घटना की एक सुसंगत साक्ष्य-आधारित तस्वीर पेश करते हैं। यह माना जा सकता है कि महामारी संभवत: वहीं से शुरू हुई, जहां पहले मामलों का पता चला था यानी हुआनन सीफूड होलसेल मार्केट से। साथ ही यह इस विचार को दरकिनार करता है कि वायरस एक लैब से निकला।
हुआनान बाजार महामारी का केंद्र था
सबसे पहले ज्ञात कोविड मामलों के भौगोलिक स्थानों के विश्लेषण, दिसंबर 2019 तक, से हुआनान बाजार के आसपास एक मजबूत क्लस्टरिंग का पता चला। यह न केवल उन लोगों के लिए सच था, जो बाजार में काम करते थे या आते थे, बल्कि उन लोगों के लिए भी जिनका इससे कोई संबंध नहीं था। हुआनान बाजार महामारी का केंद्र था। वहां इसका उत्पत्ति के बाद से, सार्स-कोव-2 वायरस तेजी से 2020 की शुरुआत में वुहान के अन्य स्थानों और फिर दुनिया के बाकी हिस्सों में फैल गया। हुआनन बाजार फुटबॉल के दो मैदानों के आकार का एक इनडोर स्थान है। इसका नाम ‘सीफूड’ है और यह शब्द इसके बारे में भ्रामक छाप छोड़ता है।
एडवर्ड कहते हैं, जब मैंने 2014 में बाजार का दौरा किया, तो विभिन्न प्रकार के जीवित वन्यजीव बिक्री के लिए थे, जिनमें रैकून कुत्ते और मस्करैट शामिल थे। उस समय मैंने अपने चीनी सहयोगियों को सुझाव दिया था कि हम बाजार के इन जानवरों का वायरस के लिए नमूना लें। इसके बजाय, उन्होंने पास के वुहान सेंट्रल अस्पताल में एक वायरोलॉजिकल निगरानी अध्ययन केंद्र स्थापित किया, जिसने बाद में कई शुरुआती कोविड रोगियों की देखभाल की थी। 2019 में हुआनन बाजार में वन्यजीव भी बिक्री पर थे। चीनी अधिकारियों द्वारा एक जनवरी 2020 को बाजार बंद करने के बाद जांच टीमों ने सतहों, दरवाजों के हैंडल, नालियों, जमे हुए जानवरों और अन्य स्थानों के नमूने लिए।
बाद में सार्स-कोव-2 के लिए सकारात्मक परीक्षण किए गए अधिकांश नमूने बाजार के दक्षिण-पश्चिमी कोने से थे। 2014 में अपनी यात्रा के दौरान मैंने जो वन्यजीव बिक्री के लिए देखे थे, वे दक्षिण-पश्चिमी कोने में ही थे। यह वायरस के लिए जानवरों से मनुष्यों तक पहुंचने का एक सरल रास्ता बनाता है।
जानवरों से इंसानो में
सार्स-कोव-2 वंशावली की एक श्रृंखला के रूप में विकसित हुआ है, कुछ को हम ‘चिंता के प्रकार’(जिसे हम डेल्टा, ओमिक्रॉन और इसी तरह के नाम) के रूप में जानते हैं। सार्स-कोव-2 परिवार में पहला विभाजन- “ए” और “बी” वंश के बीच- महामारी में बहुत पहले हुआ था। दोनों वंशों का केंद्र यह बाजार ही है और दोनों का वहां पता लगाया गया था। आगे के विश्लेषणों से पता चलता है कि ए और बी वंश जानवरों से ही इंसानों में आए थे। इसका सीधा सा मतलब है कि हुआनन बाजार में संक्रमित जानवरों का एक वर्ग था, जो सीधेतौर पर संक्रमण को बढ़ा रहा था।
समय के साथ सार्स-कोव-2 जीनोम अनुक्रम में उत्परिवर्तन के इतिहास का पुनर्निर्माण करने से पता चला कि बी वंश सबसे पहले मनुष्यों तक पहुंचा। इसके बाद, शायद कुछ हफ्ते बाद, ए वंश भी मनुष्यों तक पहुंच गया। बेशक, जो कमी है वह यह है कि हमें अभी तक ठीक से पता नहीं है कि मनुष्यों को सार्स-कोव-2 के हस्तांतरण में कौन से जानवर शामिल थे। जांच दल के प्रवेश करने से पहले हुआनान बाजार से जीवित वन्यजीवों को हटा दिया गया था, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा में वृद्धि हुई लेकिन वायरस की जड़ तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न हुई।
लैब लीक थ्योरी का अंत
लैब लीक थ्योरी एक दुर्भाग्यपूर्ण संयोग पर टिकी हुई है: सार्स-कोव-2 एक ऐसे शहर में उभरा, जहां एक प्रयोगशाला में चमगादड़ से जुड़े कोरोना वायरस पर काम किया जाता है। इनमें से कुछ चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोना वायरस सार्स-कोव-2 से निकटता से संबंधित हैं। लेकिन इतना करीब नहीं कि उसके प्रत्यक्ष पूर्वज बन सकें। अफसोस की बात है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पर फोकस ने हमें एक और महत्वपूर्ण संबंध से विचलित कर दिया है कि इससे पहले सार्स-कोव-1 (जो 2002 के अंत में उभरा) की तरह, एक कोरोना वायरस प्रकोप और जीवित जानवरों के एक बाजार के बीच कोई सीधा संबंध है।
प्रयोगशाला रिसाव सिद्धांत एक निराधार आरोप के रूप में खड़ा है। अगर प्रयोगशाला की जांच में रिसाव का कोई सबूत नहीं मिला, तो इसमें शामिल वैज्ञानिकों पर संबंधित सामग्री को छिपाने का आरोप लगाया जाएगा। कोविड की उत्पत्ति पर बहस ने ऐसे घाव खोल दिए हैं जो शायद कभी ठीक नहीं होंगे। इसने विज्ञान में अविश्वास पैदा किया है और विभाजनकारी राजनीतिक राय को हवा दी है। व्यक्तिगत वैज्ञानिकों को उनकी सरकारों के पाप ढोने पड़ रहे हैं। लगातार आरोप-प्रत्यारोप और उंगली उठाने के खेल ने वायरल उत्पत्ति का पता लगाने की संभावना को और भी कम कर दिया है।
वैश्विक सहयोग प्रभावी महामारी की रोकथाम का आधार है, लेकिन हम संबंध बनाने के बजाय नष्ट करने के खतरे में हैं। हम 2019 की तुलना में महामारी के लिए भी शायद कम तैयार हैं। राजनीतिक बाधाओं और एक लार टपकाने वाले मीडिया के बावजूद, पिछले दो वर्षों में सार्स-कोव-2 के लिए एक प्राकृतिक पशु उत्पत्ति के प्रमाण में वृद्धि हुई है। इसे नकारना हम सभी को जोखिम में डालता है।