बीजिंग: चीन में कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं जिसके चलते यहां सख्त जीरो कोविड पॉलिसी लागू है। कोरोना का प्रसार रोकने के लिए चीन में लॉकडाउन, बड़े स्तर पर टेस्टिंग और यात्रा संबंधी प्रतिबंध लगाए गए हैं। कोरोना के मामले के तीसरे साल में जाने के बीच चीन में एक के बाद एक पाबंदियों और सख्त गाइडलाइंस ने लोगों को थका दिया है और गुस्से में भी भर दिया है। चीन सरकार की सख्त कोविड पाबंदियों के खिलाफ विरोध तेज हो गया है और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 'सख्त जीरो कोविड पॉलिसी' के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
प्रदर्शनकारियों को पुलिस की कारों में बांधा
शंघाई में हजारों प्रदर्शनकारी निकले, जहां लोगों को पुलिस की कारों में बांध दिया गया। छात्रों को बीजिंग और नानजिंग समेत अन्य जगहों पर विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन करते देखा गया। चीन में शनिवार को 34,398 कोरोना केस सामने आए। शुक्रवार को यह आंकड़ा 31,928 था जो संक्रमण के मामलों में आए हालिया उछाल को दिखाता है।
जिनपिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुदूर उत्तर-पश्चिम शहर उरुमकी में एक विरोध प्रदर्शन के बाद अशांति फैली है, जहां एक टावर ब्लॉक में आग लगने से 10 लोगों की मौत के बाद लॉकडाउन नियमों को दोष दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि चीनी अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया कि कोविड प्रतिबंधों के कारण मौतें हुईं, लेकिन उरुमकी में अधिकारियों ने शुक्रवार देर रात माफी मांगी और कोविड पाबंदियों को चरणबद्ध तरीके से हटाकर 'व्यवस्था बहाल' करने का वादा किया।
शी जिनपिंग पद छोड़ो, कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता छोड़ो जैसे नारे लगे
शनिवार रात शंघाई में विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों को खुलेआम 'शी जिनपिंग, पद छोड़ो' और 'कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता छोड़ो' जैसे नारे लगाते हुए सुना गया। लोगों को खाली बैनर पकड़े देखा गया, जबकि अन्य लोगों ने उरुमकी में पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए मोमबत्तियां जलाईं और फूल चढ़ाए। बता दें कि इस तरह की मांगें चीन के भीतर एक असामान्य दृश्य हैं, जहां सरकार और राष्ट्रपति की किसी भी सीधी आलोचना के परिणामस्वरूप कठोर दंड दिया जा सकता है।
कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन
सरकार विरोधी नारों का नेतृत्व करने वाले प्रदर्शनकारियों को ले जाया गया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी में धक्का भी दिया। स्नैप लॉकडाउन ने पूरे देश में गुस्सा पैदा कर दिया है और कोविड प्रतिबंधों की वजह से झेंग्झौ से ग्वांगझू तक हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।