Monday, December 23, 2024
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China: चीन में बैंक के एक फैसले के बाद भारी विरोध प्रदर्शन, लोगों को याद आई तियानमेन की घटना, सेना ने सड़कों पर तैनात किए टैंक, देखें VIDEO

बैंक ऑफ चाइना चीन का केंद्रीय बैंक है। और उसके फैसले के बाद से देश में अब तक के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हेनान के वित्तीय पर्यवेक्षण ब्यूरो के द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, कुछ जमाकर्ताओं को 15 जुलाई तक उनका पैसा वापस मिल गया था।

Written By: Shilpa
Published : Jul 21, 2022 18:22 IST, Updated : Jul 21, 2022 18:34 IST
Protests in China
Image Source : TWITTER Protests in China

Highlights

  • चीन में एक बार फिर हो रहे बड़े विरोध प्रदर्शन
  • हेनान में बैंक ने लोगों का पैसा देने से किया इनकार
  • चीनी सेना पीएलए ने सड़कों पर टैंक तैनात किए हैं

China Protests Over Bank Decision: चीन ने 33 साल पहले तियानमेन स्क्वायर पर जो किया था, वो घटना अब भी लोगों के जहन में तरोताजा है। अब उसी घटना के जैसी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर एक बार फिर वायरल हो रहे हैं। जिनमें सड़कों पर टैंकों को खड़े हुए देखा जा सकता है। मामला ये है कि चीन के एक बैंक ने ऐसी घोषणा की है, जिसने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। जिन लोगों का पैसा इस बैंक में जमा है, वो बैंक के बाहर इकट्ठा हो गए हैं। इन्हीं लोगों को बाहर रोकने के लिए टैंक तैनात किए गए हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने एक बार फिर सड़कों पर लोगों के खिलाफ टैंक उतार दिए हैं। बुधवार को चीन के हेनान प्रांत में टैंकों की एक लंबी कतार देखी गई है और इसके पीछे का कारण बैंक का एक फैसला है।

चीन के बैंक की हेनान ब्रांच की तरफ से लोगों से कहा गया है कि उन्होंने जो भी रकम बैंक में जमा की है, वह अब एक निवेश माना जाएगा और उस पैसे को निकाला नहीं जा सकता है। यही वजह है कि बैंक के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और बैंक के बाहर बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी एकत्रित हो रहे हैं। बैंक ने अपने यहां जमा सारे पैसे को फ्रीज कर दिया है और अब जमाकर्ता अपना पैसा जारी करने की मांग कर रहे हैं। जो रिपोर्ट्स आ रही हैं, उनके अनुसार, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) यानी चीनी सेना ने सड़कों पर टैंक तैनात करने का काम किया है। इसका मकसद है, बैंक की रक्षा करना।

बैंक के बाहर मचा हुआ है हड़कंप

मीडिया के अनुसार, हेनान प्रांत में स्थित इस बैंक की तरफ से जब से कहा गया है कि लोग यहां जमा अपने पैसे को नहीं निकाल सकते हैं, तभी से हड़कंप मचा हुआ है। इस घटना को 4 जून, 1989 में तियानमेन स्क्वायर पर हुई घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। जिसमें चीन सरकार ने सेना को आदेश दिया था कि वह लोगों पर टैंक चढ़ा दे। इस घटना ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। ठीक इसी समय चीन में इस घटना से जुडे़ शब्दों को सेंसर कर दिया गया था। चीन के हेनान में स्थित बैंक ने लोगों से वादा किया था कि उनका पैसा 15 जुलाई तक लौटा दिया जाएगा। लेकिन कुछ ही लोगों को उनका पैसा वापस मिला है और बाकी के लोग अब भी इंतजार ही कर रहे हैं।

10 जुलाई की ही बात है, जब 1000 से अधिक जमाकर्ता बैंक की झेंग्झौजुहो में स्थित ब्रांच के बाहर एकत्रित हो गए थे। बैंक ऑफ चाइना चीन का केंद्रीय बैंक है। और उसके फैसले के बाद से देश में अब तक के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हेनान के वित्तीय पर्यवेक्षण ब्यूरो के द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, कुछ जमाकर्ताओं को 15 जुलाई तक उनका पैसा वापस मिल गया था। लेकिन कई लोगों को अब भी नहीं मिला है। इस घटना से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।

हांगकांग में भी कार्रवाई करता है चीन

चीन तियानमेन स्क्वायर की बरसी पर भी प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करता है। यहां तियानमेन स्क्वायर पर चीनी सेना की दमनकारी कार्रवाई की बरसी पर जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। इसके साथ ही हर साल हांगकांग के विक्टोरिया पार्क में गश्त बढ़ा दी जाती है। बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर पर चार जून 1989 को चीनी सेना की कार्रवाई में मारे गए लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों की याद में विक्टोरिया पार्क में हर साल जुलूस निकाला जाता था। इस जुलूस के आयोजक ‘हांगकांग एलायंस इन सपोर्ट ऑफ पैट्रिऑटिक डेमोक्रेटिक मूवमेंट्स ऑफ चाइना’ के कई नेताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के उल्लंघन के संदेह में गिरफ्तार कर लिया जाता है।

जुलूस निकालने पर पिछले तीन साल से प्रतिबंध लगाया जा रहा है और इसके लिए प्राधिकारियों ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के खतरे का हवाला दिया है। सरकार ने इस मामले में एक बयान जारी कर कहा था कि विक्टोरिया पार्क आंशिक रूप से बंद रहेगा, क्योंकि इसका इस्तेमाल ‘अवैध गतिविधियों’ के लिए किया जा सकता है। उसने कहा था कि इस कदम का मकसद पार्क में ‘किसी भी अनधिकृत सभा को रोकना’ और कोविड-19 फैलने की आशंका को कम करना है। इससे पहले, एक पुलिस अधीक्षक ने चेतावनी दी थी कि जो व्यक्ति समूह में ‘एक ही स्थान पर, एक ही समय पर और साझा उद्देश्य के साथ निश्चित विचारों को व्यक्त करने के लिए’ एकत्रित होंगे, उन्हें अनधिकृत सभा का हिस्सा मानकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

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