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China-Bangladesh News: ढाका दौरे पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी, रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर बांग्लादेश ने मांगी मदद

China-Bangladesh News: शरणार्थियों को उन्हें वापस भेजने के प्रयासों के बावजूद, शरणार्थियों ने म्यांमा में खतरे के डर से जाने से इनकार कर दिया था, जो पिछले साल सेना के सत्ता में काबिज होने के बाद से बढ़ गया है।

Reported By : PTI Edited By : Malaika Imam Published : Aug 07, 2022 21:10 IST, Updated : Aug 07, 2022 21:10 IST
Wang Yi-AK Abdul Momen
Image Source : AP Wang Yi-AK Abdul Momen

Highlights

  • शरणार्थियों ने म्यांमा में खतरे के डर से जाने से इनकार कर दिया था
  • वांग यी शनिवार शाम ढाका पहुंचे, पीएम शेख हसीना से की मुलाकात
  • बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग कच्चे माल के लिए चीन पर अधिक निर्भर

China-Bangladesh News: बांग्लादेश ने रविवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी की यात्रा के दौरान रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमा वापस भेजने के लिए चीन से सहयोग मांगा। वांग ने दक्षिण एशियाई देशों में बेहतर व्यापार संबंधों, निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए समर्थन का वादा किया। चीन ने म्यांमा में अपने प्रभाव का इस्तेमाल नवंबर 2017 के उस समझौते को लेकर सहमति बनाने के लिए किया था, जो उस साल अगस्त में म्यांमा में उत्पीड़न के चलते भागे लगभग 700,000 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को वापस भेजने को लेकर था। 

शरणार्थियों ने जाने से कर दिया था इनकार

शरणार्थियों को उन्हें वापस भेजने के प्रयासों के बावजूद, शरणार्थियों ने म्यांमा में खतरे के डर से जाने से इनकार कर दिया था, जो पिछले साल सेना के सत्ता में काबिज होने के बाद से बढ़ गया है। वांग यी शनिवार शाम ढाका पहुंचे थे और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन से मुलाकात की। बांग्लादेश के विदेश मामलों के कनिष्ठ मंत्री शहरयार आलम ने कहा कि रविवार सुबह उनके जाने से पहले उन्होंने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। बांग्लादेश के चीन के साथ मजबूत संबंध हैं, जो ज्यादातर कच्चे माल के लिए एक प्रमुख व्यापार भागीदार है।

बांग्लादेश में 500 से ज्यादा चीनी कंपनियां सक्रिय

हालांकि, बीजिंग के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखना बांग्लादेश के लिए चुनौतीपूर्ण है, जो चीन के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों भारत और अमेरिका के साथ भी राजनयिक और व्यापार संबंधों को संतुलित करता है। बांग्लादेश में 500 से ज्यादा चीनी कंपनियां सक्रिय हैं। चीन देश की सभी प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे बंदरगाह, एक नदी सुरंग और राजमार्गों में शामिल है। साथ ही चीन ने बांग्लादेश को 3.6 अरब डॉलर की लागत से पद्मा नदी पर सबसे बड़ा पुल बनाने में मदद की। 

ढाका में ताइवान के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय बंद

चीन और ताइवान के मध्य हालिया तनाव के बीच, बांग्लादेश ने 'एक-चीन' नीति के प्रति अपना समर्थन दोहराते हुए एक बयान जारी किया। 2008 में चुनाव जीतने के बाद, हसीना सरकार ने चीन के एक अनुरोध पर ढाका में ताइवान के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय को बंद कर दिया था और तब से चीन ने बांग्लादेश में अपनी भागीदारी बढ़ा दी है। बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग कच्चे माल के लिए चीन पर बहुत अधिक निर्भर है। कपड़ा निर्यात से बांग्लादेश को 80 प्रतिशत से अधिक विदेशी मुद्रा आती है।

सभी मुद्दों पर बांग्लादेश के साथ खड़े होने का वादा

राष्ट्रपति के प्रेस सचिव एहसानुल करीम ने कहा कि रविवार को वांग यी ने एक शिष्टाचार मुलाकात के दौरान हसीना से कहा कि उनका देश बांग्लादेश को रणनीतिक विकास भागीदार मानता है और उसका समर्थन करना जारी रखेगा। 'यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश' एजेंसी ने बताया कि वांग यी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सभी मुद्दों पर बांग्लादेश के साथ खड़े होने का भी वादा किया। मंत्री आलम ने कहा कि वांग यी ने बांग्लादेशी विदेश मंत्री को समझाया कि कुछ देश चीन को गलत समझते हैं और गलत व्याख्या करते हैं। उन्होंने इस संबंध में विस्तार से नहीं बताया। 

'चीन ने रोहिंग्या मुद्दे को सुलझाने में प्रगति की है'

आलम ने कहा कि चीन ने रोहिंग्या संकट को हल करने के लिए लगातार काम करने का वादा किया और वांग यी के हवाले से कहा कि म्यांमा में आंतरिक चुनौतियां न केवल बांग्लादेश को बल्कि अन्य देशों को भी परेशान कर रही हैं। आलम ने कहा, "हमारे विदेश मंत्री ने दृढ़ता से दोहराया कि चीनी सहयोग की आवश्यकता है। चीन ने रोहिंग्या मुद्दे को सुलझाने में प्रगति की है और हमें स्थिति को समाप्त करने की आवश्यकता है।" 

'वांग यी की यात्रा दोनों देशों के लिए बहुत अहम'

रविवार को बांग्लादेश और चीन ने आपदा प्रबंधन, बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर चार समझौतों और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए या उनका नवीनीकरण किया। बीजिंग में बांग्लादेशी राजदूत के रूप में काम करने वाले विश्लेषक मुंशी फैज अहमद ने कहा कि वांग यी की यात्रा दोनों देशों के लिए बहुत अहम है। अहमद ने कहा, "रोहिंग्या संकट को हल करने के लिए बांग्लादेश को चीन से समर्थन की आवश्यकता है। यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगी।"

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