Highlights
- चीन ने अमेरिका पर बेहद तीखे शब्दों में हमला बोला है।
- ड्रैगन ने नेटो की सैन्य शक्ति पर भी सवाल उठाए हैं।
- पिछले कुछ हफ्तों में दोनों देशों के रिश्ते बदतर हुए हैं।
China Attacks NATO: चीन और अमेरिका के रिश्ते पिछले कुछ दिनों से बद से बदतर होते जा रहे हैं। कुछ दिन पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने चीन (China) पर निशाना साधा था, और अब ‘ड्रैगन’ ने ‘अंकल सैम’ पर हमला बोला है। चीन ने एंटनी ब्लिंकन और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बैठक से पहले बुधवार को अमेरिका और नाटो पर तीखा हमला किया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान की टिप्पणियां अमेरिका और चीन के बीच तेजी से बिगड़ते संबंधों को साफतौर पर दिखाती हैं।
कहां से शुरू हुई थी ताजा कड़वाहट
दरअसल, पिछले हफ्ते स्पेन में नाटो शिखर सम्मेलन में ब्लिंकन ने चीन पर ‘नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश’ करने का आरोप लगाया था। झाओ ने बुधवार को कहा, ‘तथाकथित नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था वास्तव में एक पारिवारिक नियम है जिसे कुछ मुट्ठी भर देशों ने अमेरिका के स्वार्थों की सेवा के लिए बनाया है।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन अपनी परिभाषा के हिसाब से करता है।
‘अंधविश्वास को त्याग दे NATO’
झाओ ने कहा कि NATO को अपनी सैन्य शक्ति पर अंधविश्वास को त्याग देना चाहिए। उन्होंने अपनी डेली मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका ‘चीन के साथ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और टकराव को बढ़ावा देने के लिए नाटो के साथ मिलकर काम कर रहा है। NATO का इतिहास संघर्ष पैदा करने और युद्ध छेड़ने का रहा है। मनमाने ढंग से युद्ध शुरू करना और निर्दोष नागरिकों को मारना, यहां तक कि आज भी वह ऐसा ही कर रहा है।’
बाली में मिलेंगे दोनों देशों के मंत्री
इंडोनेशिया के बाली में शनिवार को जी-20 समूह के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में ब्लिंकन के वांग यी से मिलने की उम्मीद है। बता दें कि अमेरिकी और चीन के बीच पैदा हुई ताजा कड़वाहट का एक सिरा रूस से भी जुड़ता है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जहां अमेरिका व्लादिमीर पुतिन को अलग-थलग करने में जुटा है, वहीं चीन डटकर खड़ा है।