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चीन की निकलेगी अकड़! साउथ चाइना सी में जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका मिलकर करेंगे जंगी अभ्यास

साउथ चाइना सी के किसी भी इलाके पर अमेरिका का कोई दावा नहीं है। इसके बावजूद अमेरिका इस इलाके में ड्रिल करता रहा है। अमेरिका का कहना है कि वो ऐसा कर दूसरे देशों खासकर जापान और फिलिपींस की मदद कर रहा है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Aug 21, 2023 16:47 IST, Updated : Aug 21, 2023 18:32 IST
चीन की निकलेगी अकड़! साउथ चाइना सी में जापान, आस्ट्रेलिया, अमेरिका मिलकर करेंगे जंगी अभ्यास
Image Source : PTI चीन की निकलेगी अकड़! साउथ चाइना सी में जापान, आस्ट्रेलिया, अमेरिका मिलकर करेंगे जंगी अभ्यास

South China Sea:  दक्षिण चीन सागर में चीन की अकड़ ढीली करने के लिए अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया जैसे मिलकर जंगी अभ्यास करने जा रहे हैं। इसके लिए जापान तो अपना सबसे बड़ा जंगी जहाज भी इस अभ्यास में शामिल कर रहा है। इस जॉइंट मिलिट्री ड्रिल से चीन को जबर्दस्त मिर्ची लगेगी। ये वो इलाका है जिसे चीन अपना हिस्सा बताता है और दूसरे देश के जहाजों को आने से रोकता है। 5 अगस्त को चीन ने इस इलाके से गुजर रहे फिलिपींस के जहाज पर वॉटर कैनन से वार कर दिया था। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की मिलिट्री ड्रिल की जानकारी फिलिपींस के सिक्योरिटी ऑफिशियल्स ने ही दी है। फिलिपींस ने बताया है कि इसमें 3 एयक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर शामिल होंगे। इनके कमांडर जल्द मनिला में बैठक के लिए मिलेंगे।

चाइना सी पर अमेरिका का दावा नहीं

साउथ चाइना सी के किसी भी इलाके पर अमेरिका का कोई दावा नहीं है। इसके बावजूद अमेरिका इस इलाके में ड्रिल करता रहा है। अमेरिका का कहना है कि वो ऐसा कर दूसरे देशों खासकर जापान और फिलिपींस की मदद कर रहा है। जॉइंट मिलिट्री ड्रिल में अमेरिका की तरफ से एयरक्राफ्ट कैरियर USS अमेरिका तैनात किया जाएगा।

जापान और ऑस्ट्रेलिया  तैनात करेंगे ये जंगी पोत

जापान अपने सबसे बड़े युद्धपोतों में से एक JS इजुमो तैनात करेगा। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की तरफ से HMAS कैनबेरा को तैनात किया जाएगा। ड्रिल की तैयारी 2 महीने पहले ही कर ली गई थी। साउथ चाइना सी के कई इलाकों पर दावे के बावजूद फिलिपींस इस मिलिट्री ड्रिल में शामिल नहीं हो रहा है।

फिलिपींस पर हमले की अमेरिका ने की थी आलोचना

5 अगस्त को फिलीपींस की जहाज पर चीन के वॉटर कैनन से किए हमले की अमेरिका ने आलोचना की थी। अमेरिका ने कहा था कि चीन की तरफ से लगातार की जा रही ऐसी हरकतों से इलाके की सिक्योरिटी को खतरा है। अगर फिलीपींस के जहाजों, एयरक्राफ्ट या आर्म्ड फोर्सेस पर कोई हमला हुआ तो अमेरिका 1951 में हुई US-फिलीपींस डिफेंस ट्रीटी को लागू कर देगा। हाल ही में अमेरिका ने फिलीपींस के साथ एक समझौता भी किया था। इसके तहत अमेरिका फिलीपींस के मिलिट्री कैंप्स का इस्तेमाल कर सकता है। चीन ने इस समझौते की कड़ी आलोचना की थी।

क्या है दक्षिण चीन सागर का विवाद?

साउथ चाइना सी का लगभग 35 लाख स्क्वायर किलोमीटर का एरिया विवादित है। इस पर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई दावा करते रहे हैं। साउथ चाइना सी में तेल और गैस के बड़े भंडार दबे हुए हैं। अमेरिका के मुताबिक, इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस का भंडार है। वियतनाम इस इलाके में भारत को तेल खोजने की कोशिशों में शामिल होने का न्योता दे चुका है। इस समुद्री रास्ते से हर साल 7 ट्रिलियन डॉलर का बिजनेस होता है। चीन ने 2013 के आखिर में एक बड़ा प्रोजेक्ट चलाकर पानी में डूबे रीफ एरिया को आर्टिफिशियल आइलैंड में बदल दिया।

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