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कमजोरों और बेइमानों से भरी है चीन की आर्मी! पीएलए में 3 लाख सैनिकों की कटौती, जानें क्या है जिनपिंग का प्लान?

चीन की सेना में 9 लाख 65 हजार थल सैनिक हैं। नेवी में सैनिकों की संख्या दो लाख 60 हजार है और चीनी एयरफोर्स में तीन लाख 95 हजार सैन्यकर्मी हैं। चीन की सेना की दक्षता और उसकी ईमानदारी को लेकर हमेशा ​सवाल उठते रहे हैं। इसी बीच जिनपिंग सेना पर प्रभाव बनाने में जुटे हैं।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Jan 16, 2023 19:20 IST, Updated : Jan 16, 2023 19:29 IST
Xi Jinping, China president
Image Source : FILE Xi Jinping, China president

चीन की सेना में अक्सर ये शिकायत आम रहती है कि उनके सैनिकों में प्रतिस्पर्धा, तकनीकी दक्षता की कमी हैं। वे ईमानदार भी नहीं हैं। इस वजह से चीन की सरकार सैनिकों की संख्या से ज्यादा उनकी गुणवत्ता को बढ़ाने की कोशिश में जुटी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाल ही में चीन की सेना में 3 लाख सैनिकों की कटौती की गई है। चीन की थल सेना में 9 लाख 65 हजार सैनिक हैं। 

जानें चीन की सेना के तीनों अंगों में कितने सैनिक?

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पीपल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए को आधुनिक बनाने में जुटे हैं। चीन की सेना में क्वांटिटी के बजाय अब क्वालिटी पर फोकस किया जा रहा है। ये वही चीन है, जिसकी सेना में कुछ साल पहले तक करीब 46 लाख सैनिक थे, जो घटकर अब 20 लाख रह गए हैं।

हाल ही में चीन की सेना में 3 लाख सैनिकों की कटौती की गई है। यूके बेस्ड इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज के अनुसार, चीन की सेना में 9 लाख 65 हजार थल सैनिक हैं। नेवी में सैनिकों की संख्या दो लाख 60 हजार है और चीनी एयरफोर्स में तीन लाख 95 हजार सैन्यकर्मी हैं। इनके अलावा चीन की सेना की रॉकेट फोर्स में एक लाख 20 हजार और स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स में एक लाख 45 हजार सैनिक भी हैं। डेढ़ लाख के करीब अन्य सैनिक भी शामिल हैं। 

चीन में सैनिकों की संख्या कम कर दक्षता बढ़ाने पर फोकस

रिपोर्ट के मुताबिक चीन इस दशक के  अंत तक यानी 2030 के आसपास अपनी सेना में एक और बड़ी कटौती कर सकता है। चीनी सैनिकों के साथ हमेशा यह शिकायत रही है कि उनके सैनिक प्रतिस्पर्धी, तकनीकी दक्षता में कमजोर हैं और ईमानदार नहीं हैं। यही कारण है कि सरकार उनकी संख्या कम कर गुणवत्ता बढ़ाने की कोशिश मे जुटी है। साथ ही चीन की सरकार अपने सैनिकों के वेतन में भी अच्छा खासा इजाफा कर रही है।

जानिए किन परेशानियों से जूझ रहे हैं चीनी सैनिक?

चीन की सेना में आक्रामकता की कितनी कमी है, यह तो गलवान और डोकलाम व अरूणाचल प्रदेश में हमने देख लिया है। हालांकि चीनी सेना की समस्याएं भी कम नहीं हैं। उन्हें वहां शादी के लिए लड़कियां मिलनेकी समस्या है। छुट्टियां भी काफी कम हैं। यही नहीं परिवार के साथ दूरी भी पीएलए के सैनिकों के लिए परेशानी का बड़ा कारण है। वैसे भी चीन का भौगोलिक दायरा इतना बड़ा है कि सैनिकों को अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। भारत चीन सीमा पर ही देखें तो चीनी सैनिक हजारों किमी दूर से पहाड़ों पर तैनाती के लिए भेजे जाते हैं।

ऑफिसर कॉर्प्स में भी कटौती

चीन की सेना में पीएलए के जवानों की कटौती के साथ ही ऑफिसर कॉर्प्स में भी कटौती की जा रही है। जिन तीन लाख सैनिकों की कटौती की गई है, उनमें से आधे ऑफिसर कॉर्प्स के ही सैन्य अधिकारी थे। अमेरिका की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीन की सेना में बड़े संगठनात्मक बदलाव कर रहे हैं। 

सेना में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं शी जिनपिंग

रिपोर्ट के अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सेना में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं और वे ऐसा कर भी रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सेना का हर अधिकारी चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी का सदस्य है। ऐसे में अगर सैन्य अधिकारियों को आगे जाना है तो उन्हें शी जिनपिंग और उनकी नीतियों के प्रति ईमानदार रहना ही होगा।

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