Highlights
- चीनी वॉरशिप पर हमले के लिए पूरी तरह माकूल
- एक बार में 16 मिसाइलें ले जाने में सक्षम है बी-2 बॉम्बर
- मिसाइल की कैपिसिटी को बढ़ाया गया, टर्बोफैन इंजन को बेहतर किया
China-America: अमेरिका और चीन के बीच तनाव लगातार बना हुआ है जरा सी चिंगारी किसी भी जंग को भड़का सकती है। चीन से युद्ध के खतरे के बीच अमेरिका ने हाल ही में एक ऐसी मिसाइल का टेस्ट किया है, जो चीन के होश उड़ाने के लिए काफी है। जानाकारी के अनुसार अमेरिका ने हाल ही में हवा से जमीन पर हमला करने वाली स्टैंडऑफ मिसाइल JASSM-ER का टेस्ट किया है। इस मिसाइल को अमेरिका ने अपने सबसे खतरनाक बॉम्बर जेट बी-2 पर फिट करके दागा था। इसकी वजह से मिसाइल की मारक क्षमता में और इजाफा हो गया है। माना जा रहा है कि यह मिसाइल से इंडिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी हितों की सुरक्षा करने में अहम रोल निभाएगी।
चीनी वॉरशिप पर हमले के लिए पूरी तरह माकूल
JASSM-ER को चीन की वॉरशिप्स पर हमले के लिए प्रयोग किया जा सकेगा और चीनी वायुसेना के रिटायर्ड ऑफिसर फु कियानशो ने यह बात कुबूल की है। माना जा रहा है कि यह मिसाइल प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी हितों की सुरक्षा में बड़ा रोल अदा करने वाली है। इस मिसाइल को नॉर्थरोल ग्रुमन की ओर से विकसित किया गया है। बी-2 बॉम्बर ने इस क्रूज मिसाइल को दिसंबर 2021 में भी सफलता के साथ दागा था। इसके बाद एयरक्राफ्ट को और डेवलप किया गया और उसकी क्षमताओं को और बढ़ाया गया। इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह कहीं भी टारगेट हो उस पर प्रहार करके उसे तबाह कर देगी।
एक बार में 16 मिसाइलें ले जाने में सक्षम है बी-2 बॉम्बर
अमेरिका का यह बी-2 बॉम्बर भारी मात्रा में इस मिसाइल के साथ खतरनाक हथियार ले जाने की क्षमता रखता है। बड़ी खासियत यह है कि यह बॉम्बर एक बार में 16 मिसाइलों को अपने साथ कैरी करने की क्षमता रखता है। यह मिसाइल 965 किलोमीटर की दूरी तक मार करके लक्ष्य को नेस्तनाबूद कर सकती है। जबकि ओरिजनल JASSM मिसाइल की रेंज 400 किलोमीटर ही है।
मिसाइल की कैपिसिटी को इस तरह बढ़ाया गया
नई और अपग्रेडेड मिसाइल में ईंधन की कैपेसिटी को और बढ़ाया गया है।इसके टर्बोफैन इंजन को बेहतर कर दिया गया है। इस मिसाइल के अलावा बी-2 में आने वाले दिनों में कुछ और बदलाव होंगे। तमाम अपग्रेड्स के बाद यह बॉम्बर जेट हमेशा अमेरिकी सेनाओं का सबसे ताकतवर हथियार बना रहेगा। इयके बाद अमेरिका मॉडर्न एयर डिफेंस में दुनिया की बाकी सेनाओं से कहीं आगे निकल गया है।