दीर अल-बला: गाजा पट्टी में ‘हाइपोथर्मिया’ से एक और शिशु की मौत हो गई है। गाजा पट्टी में लगभग 15 महीने के युद्ध से विस्थापित हुए हजारों फलस्तीनी लोग सर्दियों से बचने के लिए टेंटों में रहने को मजबूर हैं। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, हाल के सप्ताहों में ठंड से तीन शिशुओं की मौत पहले ही हो चुकी है। ‘हाइपोथर्मिया’ एक ऐसी स्थिति है जिसमें मानव शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस (96 एफ) से नीचे चला जाता है।
पिता ने क्या कहा?
बीस दिन के जोमा अल-बत्रन के पिता येहिया ने बताया कि रविवार को जब वो जगो तो बच्चे का सिर बर्फ की तरह ठंडा मिला। बच्चे के जुड़वां भाई अली को अल-अक्सा शहीद अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। पिता ने बताया कि जुड़वा बच्चों का जन्म समय से एक महीने पहले हुआ था और उन्हें अस्पताल की नर्सरी में सिर्फ एक दिन ही रखा गया था। उन्होंने बताया कि वो तंबू में रहते हैं और रात में तापमान नियमित रूप से 10 डिग्री सेल्सियस (50 डिग्री फारेनहाइट) से नीचे चला जाता है। अल-बत्रन ने कहा, ‘‘हम आठ लोग हैं और हमारे पास केवल चार कंबल हैं।’’
छात्रा को मारी गई गोली
इस बीच फलस्तीन में वेस्ट बैंक के अशांत उत्तरी शहर जेनिन में एक फलस्तीनी छात्रा की उसके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। पत्रकारिता की छात्रा शता अल-सब्बाग (22) के परिवार ने दावा किया कि फलस्तीनी सुरक्षा बलों के एक कर्मी ने उसकी उस समय हत्या कर दी, जब वह अपनी मां और दो छोटे बच्चों के साथ थी। उन्होंने कहा कि उस समय क्षेत्र में कोई आतंकवादी नहीं था। फलस्तीनी सुरक्षा बलों की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि उसे आतंकवादियों ने गोली मारी थी।
हमास ने भी दिया बयान
एक बयान में मृतक छात्रा अल-सब्बाग के परिवार ने फलस्तीनी सुरक्षा बलों पर आरोप लगाया कि वो “दमनकारी बन गए हैं जो अपने ही लोगों के सम्मान की रक्षा करने और (इजरायली) कब्जे के खिलाफ खड़े होने के बजाय उनके खिलाफ आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं।’’ हमास आतंकवादी समूह ने भी सुरक्षा बलों को दोषी ठहराया और गोलीबारी की निंदा की। हमास ने कहा कि अल-सब्बाग उसके एक लड़ाके की बहन थी, जो पिछले वर्ष इजरायली सैनिकों के साथ लड़ाई में मारा गया था। (एपी)
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