India-pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच कारोबार बंद है। पाकिस्तान ने खुद भारत से कारोबारी रिश्ते तोड़े। इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ रहा है। वह कटोरा लेकर दुनियाभर में भीख मांग रहा है। जो माल वो भारत से सस्ते में मंगा सकता है, उसे वह महंगे दाम पर विदेशों से मजबूरन आयात कर रहा है। भारत ने अफगानिस्तान सहित कई खाड़ी देशों को गेहूं और अनाज दिया। लेकिन पाकिस्तान में आटे की किल्लत से भूखों मरने की नौबत आ गई। इसी बीच पाकिस्तान में भारतीय उप उच्चायुक्त सुरेश कुमार ने साफ कहा कि भारत की ओर से कभी भी पाकिस्तान के साथ कारोबारी रिश्तों को खत्म नहीं किया गया।
उन्होंने ये भी कहा कि हम कारोबारी रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। पाकिस्तान में भारत के उप उच्चायुक्त सुरेश कुमार शुक्रवार को लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एलसीसीआई) को संबोधित कर रहे थे।
'हम अपना भूगोल नहीं बदल सकते'
पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' के मुताबिक, भारतीय उच्चायुक्त ने कहा, 'भारत हमेशा पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहता है क्योंकि हम अपना भूगोल नहीं बदल सकते।' उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंधों की ओर बढ़ना चाहते हैं। हमने पाकिस्तान के साथ व्यापार भी नहीं रोका। पाकिस्तान ने खुद व्यापारिक रिश्तों को रोका है। कुमार ने कहा, 'यह देखना बेहतर होगा कि हम अपनी समस्याओं और स्थितियों को कैसे बदल सकते हैं।'
अनुच्छेद 370 खत्म करने पर पाक लगाया था व्यापारिक प्रतिबंध
दरअसल, भारत ने वर्ष 2019 में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया था। तब पाकिस्तान ने भारत के साथ कारोबारी रिश्तों को खत्म कर दिया था। साथ ही इस्लामाबाद में अपने उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था। उन्होंने कहा कि 'भारत इस बात पर कायम रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है। भारत की तरफ से इस बात पर जोर दिया गया कि पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करे और आतंकियों को बढ़ावा न दे। ये सुनिश्चित करना पाकिस्तान का काम है।'
कोरोना के चलते वीजा की संख्या में गिरावट आई
आंकड़ों से पता चलता है कि पाकिस्तान के साथ व्यापार 2020-21 में 329.26 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 2019-20 में 830.58 मिलियन अमेरिकी डालर था। उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय दूतावास द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए वीजा की संख्या में गिरावट आई है। बहरहाल, उन्होंने जोर देकर कहा कि संख्या अब बढ़ गई है, क्योंकि हर साल 30,000 वीजा जारी किए जा रहे थे, जो उन्होंने कहा कि "एक बड़ी संख्या" थी।
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