इराक में शिया तीर्थयात्रियों को कर्बला ले जा रही एक बस शनिवार को बगदाद के उत्तर में पलट गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई। चिकित्सा अधिकारियों ने कहा कि अरबईन के लाखों शिया श्रद्धालु तीर्थयात्रा के लिए हर साल शहर में एकत्रित होते हैं, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी वार्षिक सार्वजनिक सभा माना जाता है। तीर्थयात्री इराक के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ ईरान और खाड़ी देशों से भी आते हैं, जिनमें से कई लोग पैदल ही कर्बला की ओर जाते हैं। दो इराकी चिकित्सा अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बगदाद से लगभग 55 मील (90 किलोमीटर) उत्तर में बलाद शहर के पास बस पलट गई। मृतकों में 15 पुरुष और तीन महिलाएं थीं।
अधिकारियों के अनुसार मरने वालों में 0 ईरानी, दो इराकी- बस चालक और उसका बेटा और अज्ञात राष्ट्रीयता के छह लोग थे। अन्य घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। सूचना मिलते ही इराक पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई थी और घायलों को अपनी गाड़ी व एंबुलेंस से अस्पताल भेजवाया। घायलों की निश्चित संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है। इस्लाम के इतिहास की पहली शताब्दी काफी उथल-पुथल भरी रही थी। सातवीं शताब्दी में उस दौरान कर्बला की लड़ाई में मुस्लिम उमय्यद सेना के हाथों पैगंबर मुहम्मद के पोते हुसैन की मौत के बाद अरबाईन 40 दिनों तक शोक मनाते हैं।
इराकी पीएम ने मृतकों के प्रति जाहिर की शोक संवेदना
इराकी प्रधान मंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने मृतक तीर्थयात्रियों के प्रति शोक संवेदना जाहिर की है। प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से शनिवार को शालमचेह सीमा पार से इराक में ईरानी तीर्थयात्रियों के प्रवेश का निरीक्षण कर रहे थे, जहां उन्होंने और ईरानी उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर ने एक रेलवे परियोजना की आधारशिला भी रखी। इससे दोनों देशों के बीच रेल परिवहन सेवा प्रदान करेगी। इससे यात्रियों के लिए आवागमन सुविधाजनक होगा।
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