जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष दर्जा हटाने वाले अनुच्छेद 370 के संशोधन की सालगिरह की पूर्व संध्या पर, ब्रिटिश-अरब इनफ्लूएंस, अमजद ताहा, जो अपने पोस्ट के लिए प्रसिद्ध हैं, उन्होंने "धरती पर स्वर्ग" कही जाने वाली कश्मीर घाटी का दौरा किया यह जानने के लिए कि कश्मीरियों की वर्तमान स्थिति क्या है। अपनी यात्रा के बाद, ताहा ने कहा कि वह भारत के शांति उपायों से "प्रेरित" महसूस करते हैं जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए "आशा का संकेत" देते हैं।
ताहा ने ट्विटर पर पोस्ट किया-“कश्मीर: अविश्वसनीय लोगों और सुंदरता की भूमि, भारतीय कश्मीर का दोबारा दौरा करते हुए, मैं वहां भारत के शांति उपायों से फिर से प्रेरित हुआ हूं, जिसमें अस्थायी समाधानों के बजाय स्थायी समाधानों को प्राथमिकता दी गई है। पिछली उथल-पुथल के बावजूद, यह क्षेत्र अब भविष्य की पीढ़ियों के लिए आशा का संकेत देता है।'' उनकी इस पोस्ट पर कई हजार लाइक्स और रीट्वीट आए।
ब्रिटिश-बहरीनी मूल के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर ने इस साल मई की शुरुआत में श्रीनगर में जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक से पहले कश्मीर में मुसलमानों, हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों, तमाम धर्म के लोगों से मुलाकात की और एक लड़की के बारे में बताया, जिसका नाम जन्नत है। वह 5 साल की बच्ची झील से कचरा निकालती दिखी। उस बच्ची के बारे में जानिए
बता दें कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की चौथी वर्षगांठ है जिसके तहत जम्मू और कश्मीर को भारत संघ में विशेष दर्जा प्राप्त था। कानून को ख़त्म करने के साथ ही, पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया। विशेष रूप से, अनुच्छेद 370 - जो कि भारतीय संविधान के अनुसार जम्मू-कश्मीर क्षेत्र को विशेष अधिकार प्रदान करने वाला एक अस्थायी प्रावधान था - को केंद्र में वर्तमान भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा हटा दिया गया था।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद से घाटी में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हुआ है और शांति बहाल हुई है। प्रभावशाली व्यक्तियों और मशहूर हस्तियों ने इस क्षेत्र में जनता के बढ़ते विश्वास को और उजागर किया है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू कर दी है।
इनपुट-एएनआई